इटारसी। इटारसी की तीसरी लाइन निवासी आशीष अग्रवाल (52) की गुरुवार शाम देवास के पास सड़क हादसे में माैत हाे गई। वे दीपावली मनाने इंदौर से घर (इटारसी) लाैट रहे थे। शाम करीब 5.30 बजे देवास के खटाम्बा गांव के पास सीमेंट की बोरियों से भरा अनियंत्रित ट्राला उनकी कार पर पलट गया। बाेरियाें में वजन इतना था कि कार पूरी तरह से दब गई, जिसकी चपेट में आने से आशीष ने माैके पर ही दम ताेड़ दिया। दोनों वाहन एक ही लेन पर आगे-पीछे चल रहे थे। ओवरटेक करते समय हादसा हुआ।
खटाम्बा गांव के लाेग आए और ट्राले में भरी सीमेंट की बाेरियां खाली करना शुरू किया। खाली करने के बाद ट्राले काे हाथाें से उठाने का प्रयास किया। कार के पिछले हिस्से में सवारी नहीं दिखने पर राहत की सांस ली। कुछ देर बाद देवास से क्रेन पहुंची। ट्राला इतना भारी था कि उसे हटाने के लिए करीब डेढ़ घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला। शाम 7.30 बजे कार से ट्राला हटा। कार में फंसा शव बाहर नहीं निकल पा रहा था। देवास एसपी डाॅ. शिवदयालसिंह ने फंसे शव को कार समेत ट्रैक्टर-ट्राॅली में रख कर देवास जिला अस्पताल भिजवाया।
लोग कार पर खड़े हुए, क्रेन से खींचा, तब शव बाहर आ सका
अस्पताल परिसर में पिचकी हुई कार से शव निकालने के लिए कुछ लोग कार पर खड़े हुए और वजन दिया। चालक वाले हिस्से को क्रेन से खींचा। इसके बाद गैस कटर से कार की बॉडी को काटा गया। पुलिस ने सब्बल से गेट तोड़ा, तब रात 8.10 बजे शव निकाला जा सकता। शुक्रवार सुबह पीएम होगा।
मां-पिता, पत्नी और बच्चाें को खबर करने की हिम्मत नहीं जुटा सके परिचित
आशीष घर में इकलौते बेटे थे। उनके 75 वर्षीय पिता आनंद अग्रवाल का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने से वे इटारसी में घर पर रहते हैं। मां सुषमा (70) सहित पत्नी मंजुला अग्रवाल को देर रात तक घटना का पता नहीं था। आशीष के बच्चे रितिका (11), घनिष्ठा (7) व दक्ष (3) इस बात से बेखबर थे कि पापा अब इस दुनिया में नहीं रहे। परिवार को आशीष ने बताया था कि दीवाली पर वह घर आएंगे। इनके पिता की चक्की थी, जो अब बंद हो चुकी है। आशीष के बहनोई को फोन पर हादसे की खबर मिली पर कोई भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था कि कैसे परिवार को बताएं।