उप चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के उस बयान को बीजेपी ने चुनाव जीतने का हथियार बनाया था, जिसमें डबरा से उम्मीदवार इमरती देवी को आइटम कहा गया था। इस बयान के बाद इमरती देवी का रोते हुए एक वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ था।
इसके बाद बीजेपी ने इस बयान को महिलाओं की अस्मिता से जोड़ दिया था, ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं मतदान केंद्रों तक पहुंचे, जिसका फायदा बीजेपी को मिलेगा, लेकिन 28 सीटों पर मतदान के आंकड़ों को देखें, तो बीजेपी को बहुत फायदा होता दिखाई नहीं दे रहा है। क्योंकि 9 लाख 56 हजार महिलाओं ने मतदान में रुचि नहीं ली। बीजेपी को उम्मीद थी कि ग्वालियर-चंबल अंचल में महिलाओं पर कमलनाथ के बयान ज्यादा असर होगा, लेकिन 6 लाख 66 हजार से अधिक महिलाओं ने वोट नहीं किया।
राजनैतिक विश्लेषक मानते हैं कि सरकारी योजनाएं सबसे ज्यादा महिलाओं को प्रभावित करती हैं। यही वजह है कि शिवराज सरकार की अधिकांश योजनाएं महिलाओं को केंद्र में रखकर लागू की गईं। खुद मुख्यमंत्री ने प्रदेश की आधी आबादी के साथ मामा-भांजी का रिश्ता बनाकर महिलाओं को जोड़े रखने की रणनीति पर काम किया है।
शिवराज-सिंधिया ने हर सभा में इस मुद्दे को उठाया
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आइटम वाले बयान को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हर जनसभा में उठाकर कांग्रेस को घेरने के साथ-साथ इसे महिलाओं के अपमान से जोड़ा था, ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं वोट करें और इसका फायदा बीजेपी को फायदा मिले। कमलनाथ के इस बयान के बाद बीजेपी ने सभाओं में अधिक से अधिक महिलाओं को लाने की रणनीति भी बनाई थी, लेकिन जिस डबरा सीट से यह मुद्दा उठा, वहां ही 41 हजार 189 महिलाओं ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
फैक्ट फाइल
- उपचुनाव में कुल 70.27% वोट पड़े। इसमें पुरुषों ने 73.18% और महिलाओं ने 66.98% वोट का इस्तेमाल किया।
- 28 सीटों पर महिला मतदाताओं की कुल संख्या 29 लाख 87 हजार 50 हैं, इसमें 20 लाख 628 ने वोट किया।
- महिलाओं का सबसे कम वाेट 48.84% ग्वालियर पूर्व सीट पर रहा। इसके बाद गोहद और अंबाह में 50%।