जरा सोचिए, आपने सड़क पर यूं ही चलते-चलते कचरा फेंक दिया और 80 किलोमीटर आगे तक ड्राइव करते हुए निकल गए. कुछ ऐसा ही किया कर्नाटक में घूमने गए दो सैलानियों ने भी. लेकिन उनकी ये बेपरवाही उन्हें तब भारी पड़ी जब उनके पास धड़ाधड़ इस बात के लिए फोन आने लगे कि वो वापस आकर अपना फैलाया कचरा उठा लें और इसे किसी डस्टबिन में डाल दें.
कोडागु टूरिज्म एसोसिएशन ने सिखाया सबक
वाक्या कुछ ऐसा हुआ कि दो युवक टूरिस्ट स्पॉट कूर्ग घूमने गए थे. उन्होंने अपने सफर के दौरान पिज्जा खाया और पिज्जा बॉक्स को गाड़ी की खिड़की से बाहर फेंक दिया. जब कोडागु टूरिज्म एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी को सड़क के किनारे कुछ पिज्जा बॉक्स पड़े मिले तो उन्होंने बॉक्स खोला. बॉक्स खोलने पर उन्हें उसमें बिल भी मिला जिसपर ऑर्डर करनेवाले का फोन नंबर लिखा हुआ था. सेक्रेटरी ने उस नंबर पर फोन किया और उन लड़कों से वापस लौटने और कूड़े को साफ करने की रिक्वेस्ट की.
कूड़ा उठाने में युवकों ने की आनाकानी
युवकों से जब कूड़ा उठाने के लिए कहा गया तो उन्होंने माफी मांगकर ऐसा करने से मना कर दिया क्योंकि वो कूर्ग से काफी आगे निकल गए थे. जिसके बाद सेक्रेटरी ने उस नंबर को लोकल पुलिस को दिया और सोशल मीडिया पर भी डाल दिया. बार-बार कॉल आने के बाद, दोनों युवक 80 किलोमीटर की दूरी तय कर अपना फेंका कचरा उठाने के लिए वापस आए.
इस घटना से लीजिए सबक
सोशल मीडिया पर मामला सामने आने के बाद लोगों ने जहां दोनों लड़कों को गंदगी फैलाने के लिए लताड़ लगायी. वहीं दूसरी ओर उनसे यूं सफाई कराने के लिए यूजर्स ने सेक्रेटरी की जमकर तारीफ की है. ये घटना सिर्फ दिलचस्प खबर नहीं, ये सबक है उन सभी लोगों के लिए जो चलते-चलते कार की खिड़की से कचरा सड़क पर फेंकते हैं. सफाई रखना और कचरा कूड़ेदान में डालना किसी और का नहीं बल्कि हमारा अपना अनुशासन है. जिसका पालन सबको करना चाहिए.