नतीजों से पहले निर्दलीय और बीएसपी MLA पहुंचे बीजेपी के पास, बढ़ सकती है कांग्रेस की मुश्किल

Posted By: Himmat Jaithwar
11/6/2020

भोपाल: मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव हो चुके हैं. बीजेपी और कांग्रेस को 10 तारीख का इंतजार है. इसी दिन मतों की गणना होगी और पता चलेगा की प्रदेश की सत्ता कुर्सी पर काबिज कौन होगा. ये 28 सीटों के नतीजे ही तय करेंगे कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार की वापसी होगी या फिर शिवराज सरकार ही अगले तीन साल तक प्रदेश की सत्ता संभालेगी. इस बीच बीएसपी ने कांग्रेस के दिल की धड़कने बढ़ा दी हैं. 

खबर है कि चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के बंगले में हलचल बढ़ गई है. उनके बंगले पर बीएसपी विधायक सहित निर्दलीय विधायकों का आना-जाना शुरू है. निर्दलीय विधायकों से अलग-अलग आधे-आधे घंटे की बैठक बंद कमरे में की. वहीं भूपेंद्र सिंह ने दावा किया है कि बीजेपी पूरी की पूरी 28 सीटें जीत रही है.

इन विधायकों ने बढ़ाई बीजेपी से नजदीकियां

इन विधायकों में सुरेंद्र सिंह शेरा, बीएसपी विधायक संजीव कुशवाहा, बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने भूपेंद्र सिंह के निवास में पर मुलाकात की. उत्तर प्रदेश में मायावती ने भी बीजेपी को राज्यसभा और एमएलसी चुनाव में बीजेपी का समर्थन देने की बात कही थी. शायद इसी को आधार मानते हुए बीएसपी विधायक बीजेपी से नजदीकियां बढ़ा रहे हैं.

बीएसपी विधायक ने कही बड़ी बात
वहीं BSP विधायक संजीव कुशवाह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों से नाराज है. सत्ता की चाबी बीएसपी के हाथों में रहेगी. उन्होंने दावा किया बसपा 10 से 12 सीट जीतेगी. हमारा अभी समर्थन बीजेपी सरकार को है, हमने सदन मे सरकार को समर्थन दिया है. 10 नवम्बर के बाद समर्थन के बारे में फैसला मायावती करेंगी. क्षेत्र के विकास के लिए मैंने मंत्री भूपेंद्र सिंह से मुलाकात की थी. यह सामान्य मुलाकात है.

विधानसभा की वर्तमान स्थिति
मध्यप्रदेश में कुल 230 सीटें हैं. फिलहाल सत्ताधारी बीजेपी के पास 107 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 87 विधायक हैं. वहीं दो बसपा, एक सपा और चार निर्दलीय विधायक हैं. दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी ने इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन कर ली. लिहाजा वर्तमान में बीजेपी को बहुमत के लिए महज 8 सीटों की जरूरत है, जबकि कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत के लिए सभी 28 सीटें जीतनी होंगी. 

वहीं अगर कांग्रेस अगर पूरी सीटें जीत जाती है और निर्दलीय विधायक बीजेपी को समर्थन दे देते हैं तो भी प्रदेश में भाजपा की ही बन सकती है. क्योंकि राहुल लोधी वाली दमोह सीट अभी खाली है. उस पर उपचुनाव होने हैं.



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