भोपाल। कोरोनाकाल के कारण आई आर्थिक मंदी अब प्रदेश से भी मंद पड़ने लगी है। इसके संकेत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के ताजा संग्रह से मिले हैं। प्रदेश में पिछले साल के मुकाबले इस साल अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन में 35% की बढ़त दर्ज की गई। यह अभी तक किसी भी महीने में बढ़ोतरी का रिकॉर्ड है। इसके पीछे ऑटो-मोबाइल, पार्ट्स, रेडिमेड सेक्टर, जनरल गुड्स, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, ड्रायफ्रूट और टाइल्स के साथ अन्य कारोबार में बढ़ोतरी को बड़ी वजह माना जा रहा है।
यही रफ्तार और सकारात्मकता नवंबर से मार्च तक बनी रही तो मप्र स्टेट जीएसटी और आईजीएसटी के कलेक्शन के लक्ष्य को 80 से 90% तक हासिल कर लेगा। राज्य सरकार ने व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए अपने स्तर से भी कर्मचारियों को फेस्टिवल एडवांस और सातवें वेतनमान के एरियर की अंतिम किश्त का 25% देकर प्रयास किए हैं। वाणिज्यिक कर विभाग का मानना है कि नवंबर में भी ग्रोथ बरकरार रहेगी।
ऐसे बढ़ा जीएसटी कलेक्शन
जो सेक्टर अभी बंद हैं, वो जल्द खुलेंगे, तो रफ्तार और बढ़ेगी
सितंबर और अक्टूबर में मिली ग्रोथ की मुख्य वजह यह भी है कि कोरोना संक्रमण के कारण अप्रैल, मई, जून, जुलाई में न कोई कारोबार हुआ और न ही रिटर्न दाखिल हुए। अगस्त से व्यापारियों ने कारोबार खोला तो रिटर्न भी जमा हुए। अक्टूबर में इतनी बड़ी ग्रोथ का यह एक प्रमुख कारण है। अच्छा जीएसटी कलेक्शन अप्रैल, मई, अक्टूबर, नवंबर व दिसंबर के साथ फरवरी-मार्च में होता है। नवंबर में भी ग्रोथ रह सकती है।
मोटर व्हीकल, ऑटो पार्ट्स, रेडिमेड, जनरल गुड्स और इलेक्ट्रॉनिक आइटम की सेल बढ़ने के कारण बाजार सुधरा है, लेकिन अभी भी स्कूल-कॉलेज के साथ बड़े शिक्षण संस्थान पूरी तरह नहीं खुले। टूरिज्म पर होटल इंडस्ट्री टिकी है। यह सेक्टर अभी लगभग बंद है। लंबे समय बाद कमर्शियल व्हीकल निकले हैं। - मुकुल शर्मा, जीएसटी एक्सपर्ट
16 हजार 100 करोड़ लक्ष्य, अब तक 8663 करोड़ जमा हुए, पिछले साल से 22% कम
वित्तीय वर्ष 2020-21 में स्टेट जीएसटी और आईजीएसटी कलेक्शन का लक्ष्य 16 हजार 100 करोड़ रुपए है। इसमें से 8 हजार 663 करोड़ रुपए अक्टूबर तक जमा हो चुके हैं। हालांकि यह भी पिछले साल के अक्टूबर तक हुए कलेक्शन से 22 फीसदी कम है। वित्तीय वर्ष 2019-20 अक्टूबर तक 11 हजार 157 करोड़ रुपए एकत्रित हो चुके थे।
यह होगा असर
जीएसटी कलेक्शन बढ़ने से मध्यप्रदेश की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा। लॉकडाउन लगने के तीन-चार महीनों में प्रदेश सरकार ने सोचा था कि जीएसटी कलेक्शन में 30 से 40 फीसदी की कमी रहेगी। यह अक्टूबर में 22 प्रतिशत पर पहुंच गई। अनुमान है कि नवंबर-दिसंबर में और घटेगी।