भोपाल। भोपाल के इकबाल मैदान में हुए प्रदर्शन के बाद अब तक पुलिस और प्रशासन सख्त हो गया है। एक दिन पहले पुलिस ने विधायक आरिफ मसूद समेत 7 के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने के मामले में एफआईआर की। इसके अगले ही दिन प्रशासन ने बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया में निर्मित बिल्डिंगों पर कार्रवाई शुरू कर दी। यहां विधायक आरिफ मसूद का कॉलेज भी बना हुआ है।
कार्रवाई को देखते हुए इलाके में हलचल बढ़ गई थी।
खासतौर पर खानूगांव में सबसे पहले गुरुवार सुबह कार्रवाई के लिए निगम अमला और पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। यहां पर मसूद का कॉलेज भी है। विरोध को देखते हुए 200 से अधिक पुलिस अधिकारी और निगम अमला तैनात किया गया है। डीआईजी इरशाद वली ने बताया कि अतिक्रमण के खिलाफ खानूगांव में कार्रवाई की जा रही है। सुरक्षा और विरोध को रोकने के लिए पुलिस बल निगम की मदद कर रहा है।
विरोध को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
कंट्रोल रूम में सुबह से ही जमा हुए
पुलिस और नगर निगम का अमला सुबह करीब 6 बजे से ही पुलिस कंट्रोल रूम में जमा होना शुरू हो गया था। मीटिंग आदि होने के बाद सभी खानूगांव के लिए रवाना हो गए। इधर यहां स्थित मसूद के कॉलेज में भी इसको लेकर हलचल देखी गई। यहां पर प्रशासन के पहुंचने के पहले की काफी संख्या में कर्मचारी भी कॉलेज पहुंच गए थे। हालांकि अब भी प्रशासन इसको लेकर स्पष्ट तौर पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
एक दिन पहले मसूद पर एफआईआर हुई
आरोप लगे हैं कि भोपाल मध्य से विधायक आरिफ मसूद ने भीड़ को एकत्रित कर भोपाल के इकबाल मैदान में फ्रांस का झंडा और वहां के राष्ट्रपति का पुतला जलाया था। इस दौरान भाषण में मसूद ने कहा कि केंद्र और राज्य की हिंदूवादी सरकार के मंत्री भी फ्रांस के कृत्य का समर्थन कर रहे हैं। हम फ्रांस के साथ हिंदुस्तान की सरकार को भी चेतावनी देते हैं कि यदि सरकार ने फ्रांस का विरोध नहीं किया तो हम हिंदुस्तान में भी ईंट से ईंट बजा देंगे। पहले तो पुलिस ने इस मामले में सिर्फ धारा 144 के उल्लंघन का मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में सरकार के रुख के चलते धार्मिक भावनाएं भड़काने की धाराओं में मासूद समेत 7 लोगों पर एफआईआर की गई।