पिछले चार चुनावों में औसत 82 फीसदी पुरुषों और 76 फीसदी महिलाओं की जमानत जब्त हुई

Posted By: Himmat Jaithwar
11/1/2020

ग्वालियर। चुनाव लड़ने में महिलाएं भले ही पीछे हैं लेकिन प्रदेश की जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, वहां पिछले चार विधानसभा चुनावों में जमानत बचाने में वे आगे रही हैं। 2003, 2008, 2013 और 2018 के चुनावों में कुल 89 महिलाओं ने चुनाव लड़ा। इनमें से 68 की जमानत जब्त हो गई यानी 76.40 फीसदी।

वहीं कुल 1293 पुरुषों ने चुनाव लड़ा, इनमें से 1066 की जमानत जब्त हो गई यानी 82.44 फीसदी, हालांकि यह भी हकीकत है कि महिलाओं के चुनाव लड़ने का प्रतिशत पुरुषों की तुलना में काफी कम है। पिछले चार चुनाव में 93.56 प्रतिशत प्रत्याशी पुरुष थे जबकि महिला प्रत्याशी सिर्फ 6.43 फीसदी रहीं।

तीन सीटें ऐसीं... सभी पुरुष उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई

  • 2018 में भांडेर और नेपानगर विस क्षेत्रों से लड़े सभी पुरुष प्रत्याशी जमानत गंवा बैठे। भांडेर से चुनाव लड़े कुल 11 प्रत्याशियों में से 8 पुरुष थे और तीन महिलाएं। इनमें से आठों पुरुषों सहित नौ उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। यहां से भाजपा की रजनी प्रजापति को मात देकर कांग्रेस की रक्षा सिरौनिया विधायक बनीं।
  • 2018 में ही नेपानगर सीट से सात उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। इनमें पांच पुरुष थे और पांचों पुरुषों की जमानत जब्त हो गई। कांग्रेस की सुमित्रा देवी कास्डेकर विधायक चुनी गईं और भाजपा की मंजू राजेंद्र दादू नजदीकी प्रतिद्वंद्वी रही थीं।
  • 2008 के चुनाव में बड़ामलहरा से 4 महिलाएं और 18 पुरुषों सहित कुल 22 प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें से सभी 18 पुरुषों सहित 20 उम्मीदवार जमानत गंवा बैठे। इस चुनाव में भारतीय जनशक्ति पार्टी की रेखा कांग्रेस की मंजुला शील देवदिया को हराकर विधायक बनी थीं।

ऐसा भी हुआ... 16 उम्मीदवारों में से 15 की जमानत जब्त
2003 के विधानसभा चुनाव में भांडेर सीट पर ऐसा भी हुआ जब 16 उम्मीदवारों से 15 की जमानत जब्त हो गई। सिर्फ जीतने वाले उम्मीदवार की जमानत बची। उस चुनाव में भांडेर से भाजपा के डॉ. कमलापत आर्य विधायक बने थे।

जमानत राशि बचाने कुल वोटों का छठा हिस्सा मिलना जरूरी
1 चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी को एक निश्चित राशि जमा करानी होती है, जिसे जमानत राशि कहा जाता है। अभी विधानसभा चुनाव में अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवार के लिए जमानत राशि 10 हजार रुपए है जबकि अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के उम्मीदवार के लिए जमानत राशि पांच हजार रुपए है।
2 यदि किसी उम्मीदवार को कुल डाले गए वोटों का छठा हिस्सा या 16.67 फीसदी मत नहीं मिलते हैं तो उसकी ओर से जमा कराई गई जमानत राशि को जब्त कर लिया जाता है। जिसे इतने वोट मिल जाते हैं, उसकी जमानत राशि वापस कर दी जाती है।



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