भोपाल में फ्रांस के विरोध में भीड़ जुटाने के लिए भेजे जा रहे मैसेज; पुलिस ने तीन संस्थाओं की शिकायत पर युवक पर एफआईआर की

Posted By: Himmat Jaithwar
11/1/2020

भोपाल। राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान में फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ मुस्लिम समाज की दोबारा भीड़ जमा कराने की साजिश का पता चला है। कोतवाली पुलिस ने तीन संस्थाओं की शिकायतों पर मुफ्ती मसरूर नाम के एक युवक पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज किया है। संस्थाओं के नाम से वह इकबाल मैदान में जमा होने के लिए मोबाइल फोन पर मैसेज कर रहा था। ऐसे में अब पुलिस ने युवक की तलाश शुरू कर दी है।

इकबाल मैदान में कुछ इस तरह विरोध प्रदर्शन किया गया था।
इकबाल मैदान में कुछ इस तरह विरोध प्रदर्शन किया गया था।

संस्थाओं का कहना हमारा कोई लेना देना नहीं

मैसेज की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने जांच करते हुए पूछताछ के लिए संस्थाओं से संपर्क किया। इस पर तीनों ने इस तरह के किसी भी प्रदर्शन करने की बात से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस ने 53 साल के जावेद वेग, 25 साल के इब्राहिम खान और 38 साल के इनाम हुसैन की शिकायत पर मुफ्ती मसरूर पर तीन एफआईआर की। तीनों ने कहा कि उनके नाम पर मसरूर भड़काने वाले मैसेज भेज रहा है। उनका इससे कोई लेने देना नहीं है।

प्रदर्शन के दौरान कलेक्टर गाइड लाइन का खुले तौर पर उल्लंघन किया गया था।
प्रदर्शन के दौरान कलेक्टर गाइड लाइन का खुले तौर पर उल्लंघन किया गया था।

आरिफ मसूद समेत 2000 हजार पर मामला दर्ज हो चुका

मुस्लिम समाज के लोग भोपाल मध्य विधायक आरिफ मसूद के नेतृत्व में तीन दिन पहले इकबाल मैदान पर एकत्र हुए थे। उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति का विरोध किया थ। साथ ही उनसे माफी मांगने की अपील की थ। हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों के हाथों में तख्तियां थीं और वह जोरदार नारे लगा रहे थे। इसके बाद पुलिस ने आरिफ मसूद समेत 2000 लोगों पर एफआईआर की थी। हालांकि अब तक इसमें किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है।

विरोध के लिए सड़कों पर पोस्टर भी चस्पा किए गए थे।
विरोध के लिए सड़कों पर पोस्टर भी चस्पा किए गए थे।

कलेक्टर के आदेशों का उल्लंघन किया था

फ्रांस के विरोध में हजारों की संख्या में लोग उपस्थित हो गए थे। वहां पर किसी भी तरह की प्रदर्शन में ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया और ना ही मास्क लगाए थे। बड़ी संख्या लोग आए और फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ नारेबाजी करने लगे थे। इस दौरान प्रशासन ने भी ध्यान नहीं दिया कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया और न ही मास्क लगाने की बात की गई थे। कलेक्टर के आदेशों का उल्लंघन किया गया।

ये है आंदोलन और विरोध प्रदर्शन की वजह

तनाव तब शुरू हुआ, जब सितंबर में विवादित कार्टून मैग्जीन चार्ली हेब्दो ने पैगंबर मुहम्मद के विवादित कार्टून फिर से छाप दिए। 2015 में इसी कार्टून को छापने को लेकर चार्ली हेब्दो के ऑफिस पर आतंकी हमला हुआ था। 14 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई शुरू होने वाली थी। उससे ठीक पहले चार्ली हेब्दो ने फिर वही कार्टून छाप दिए। इसमें आग में घी काम किया मैक्रों के बयान ने। उन्होंने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि वे इस्लामिक अलगाववाद से लड़ना चाहते हैं। इसमें उन्होंने यह भी कहा कि यह धर्म पूरी दुनिया में आज संकट के दौर से गुजर रहा है।



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