इंदौर। शस्त्र पूजन को लेकर राजपूताना संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने आरक्षण को खत्म करने की मांग जोर-शोर से उठी। एक व्यक्ति तो सीएम के समक्ष अपनी बात रखने मंच की ओर जाने लगा, जिसे पुलिस और वहां मौजूद लोगों ने बाहर किया। युवक का कहना है कि अब जब उपचुनाव हैं तो सीएम को हमारे वोट की चिंता सताने लगी है। मैंने अपनी बात रखनी चाही तो उन लोगों ने बाहर कर मुझे बाथरूम में बंद कर दिया। वहीं, लगातार विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री ने मंच से सभा को संबोधित किया और यहां से निकल गए। हालांकि उन्होंने मंच से कहा कि उनका आज यहां आने का कार्यक्रम नहीं था, लेकिन आपके बुलावे पर आया हूं, उन्हें और भी कई जगह पर जाना है।
कार्यक्रम में शामिल महिलाओं ने आरक्षण खत्म करने की मांग की।
सीए बोले - रानी पद्मावती का भोपाल में बनेगा भव्य स्मारक
मुख्यमंत्री ने मंच से कहा कि पद्मावती पर बनी विवादास्पद फिल्म पर देशभर में किसी राज्य ने सबसे पहले बैन लगाया था तो वह मप्र था। मैंने कहा था कि हम पद्मावती का प्रदर्शन नहीं होने देंगे। हमने तय किया है कि रानी पद्मावती पर उनके जीवन को प्रकट करने वाला एक स्मारक बनाया जाएगा। भोपाल में मनुआभान की टेकरी पर हमने जमीन आरक्षित कर दी थी। उसके बाद चुनाव आ गए और चुनाव के बाद मैं मुख्यमंत्री नहीं रहा। इसलिए वह बात-वहीं की वहीं रह गई थी। अभी पांच दिन पहले मैंने उस जमीन को फिर से दिखवाया है। मनुआभान की टेकरी पर महारानी पद्मावती का भव्य स्मारक बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पद्मावती फ़िल्म के विरोध में क्षत्रिय समाज के नौजवानों पर लगे सभी केस वापस लिए जाएंगे। अगले साल से रानी पद्मावती को पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जायगा। महाराणा प्रताप शौर्य पुरस्कार और रानी पद्मावती के नाम पर भी 2 लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।
मनोहर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 2018 के चुनाव में कहा था कि उन्हें सामान्य वर्ग का वोट नहीं चाहिए।
मनोहर रघुवंशी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 2018 के चुनाव में कहा था कि उन्हें सामान्य वर्ग का वोट नहीं चाहिए। अब जब फिर से उपचुनाव आ गए हैं तो सीएम हमारे मंच पर बड़े भाषण दे रहे हैं। स्मारक बनाने की बात कह रहे हैं। सीएम के ऐसा कहने के बाद ही हमने सपाक्स पार्टी बनाई थी। अब इन्हें चुनाव में हार का डर सता रहा है तो ये फिर से हमसे वोट मांगने आए हैं। मैंने विरोध किया और अपनी बात सीएम से रखनी चाही तो पुलिसवाले और अन्य लोगों ने मेरे साथ झूमाझटकी करते हुए बाहर कर दिया। वे पकड़कर मुझे साइड में ले गए और बाथरूम में बंद कर दिया।
मनोहर को इस प्रकार से कार्यक्रम से बाहर लेकर जाया गया।
जिस दिन आरक्षण खत्म होगा, उसी दिन हमारा दशहरा
राजपूताना संघ की सरला सोलंकी ने कहा कि सीएम से हमने मांग की हमारे पढ़े-लिखे बच्चों को नौकरी नहीं मिल रही है। आप सभी को एक समान नौकरी दो, बच्चों से भेदभाव मत करिए। आरक्षण को लेकर कहा कि हमें आरक्षण नहीं हमें हमारा हक चाहिए। हमने सीएम से जातिगत आरक्षण को खत्म करने की मांग की है। जिस दिन यह होगा, हमारा दशहरा उसी दिन मनेगा। क्यांेकि आरक्षण रूपी रावण मर जाएगा, उस दिन रामराज्य आ जाएगा।
सरला साेलंकी बोलीं- आरक्षण खत्म हो, हमें हमारा हक चाहिए।
लाखन सिंह ने बताया कि इंदौर में आज शस्त्र पूजन का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेशभर के करीब 15 जिलों से हजारों की संख्या में राजपूत जन यहां आए हैं। यहां पर श लोग मास्क नहीं पहनने काे लेकर कहा कि शस्त्र पूजन काे देखते हुए आज राजपूत भाई बहुत उल्लास में हैं। सभी के मास्क हैं, लेकिन कई लोगों की ऐसी सोच रही कि हम एक-दूसरे को पहचान नहीं पाएंगे, इसलिए मास्क नहीं लगाया। वहीं एक अन्य महिला ने कहा कि सीएम के सामने हमने आरक्षण का विराेध किया है। उनके सामने हमने यह मुद्दा उठाया है। हम अपना अधिकार मांग रहे हैं। बच्चों को ना नौकरी मिल रही है ना ही पद मिलता है। यदि हमारे बच्चों ने विरोध कर दिया तो फिर सरकार कुछ नहीं कर पाएगी। वह खत्म हो जाएगी।
मास्क नहीं पहनने को लेकर कहा- एक-दूसरे की पहचान हो सके इसलिए नहीं पहना मास्क।
लाखन सिंह ने बताया कि इंदौर में आज शस्त्र पूजन का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेशभर के करीब 15 जिलों से हजारों की संख्या में राजपूत जन यहां आए हैं। यहां पर श लोग मास्क नहीं पहनने काे लेकर कहा कि शस्त्र पूजन काे देखते हुए आज राजपूत भाई बहुत उल्लास में हैं। सभी के मास्क हैं, लेकिन कई लोगों की ऐसी सोच रही कि हम एक-दूसरे को पहचान नहीं पाएंगे, इसलिए मास्क नहीं लगाया।
सीएम के साथ भाजपा के कई नेता मौजूद रहे।
शस्त्र पूजा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ सांवेर से भाजपा प्रत्याशी तुलसी सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, मंत्री ऊषा ठाकुर, विधायक आकाश विजयवर्गीय, विधायक रमेश मेंदोला सहित कई बड़े नेता मौजूद रहे। इस दौरान बड़ी संख्या में इंदौर सहित मालवा के छत्रिय राजपूत समाज की महिलाएं भी शामिल हुईं।
मप्र के करीब 15 जिलों से लोग यहां आए थे।