रामलीला में रविवार को कुंभकरण और इंद्रजीत वध की लीला हुई। रावण अपने भाई कुंभकर्ण को जगाने के लिए अधिक प्रयत्न करते हुए नींद से जगाता है और युद्ध के लिए प्रेरित करता है। कुंभकरण युद्ध भूमि में पहुंचता है। लेकिन श्रीराम द्वारा उसका भी वध कर दिया जाता है।
फिर रावण के आदेश पर मेघनाथ युद्ध में पुन: जाता है और लक्ष्मण से विभिन्न प्रकार से युद्ध करते हुए वह आगे बढ़ता है और अंतत: लक्ष्मण द्वारा मेघनाथ का वध कर दिया जाता है। मेघनाथ के वध की खबर सुनकर रावण बहुत दुखी और व्याकुल हो जाता है। तब रावण द्वारा पाताल लोक से अहिरावण को बुलाकर अपने भाई और पुत्र के वध का बदला लेने के लिए भेजता है। जहां अहिरावण माया के बल से श्रीराम-लक्ष्मण को बंदी बनाकर पाताललोक में ले जाता है।
जब हनुमान को हरण के पीछे अहिरावण के होने का पता चलता है तो हनुमान पाताललोक पहुंचकर अहिरावण का वध कर श्रीराम-लक्ष्मण को कैद से छुड़ाते हैं। रावण के सारे वीरों का वध हो जाने से आखिर में रावण ही युद्ध के लिए जाता हैं, श्रीराम और रावण में भयंकर युद्ध होता हैं।
लीला में लक्ष्मण, मेघनाद संवाद दर्शकों में प्रशंसनीय रहा एवं रावण-अहिरावण का उत्कृष्ट श्रृंगार रहा जो गौरव, कार्तिक चौकसे, मेहुल मांझी द्वारा किया गया था। लीला में श्रीराम अभिषेक शर्मा, लक्ष्मण अभ्युदय शर्मा छोटू, हनुमान चंद्रप्रकाश व्यास, जामवंत लक्कू शर्मा, विभीषण गणेश शर्मा, रावण प्रदीप सिंह ठेकेदार, कुंभकर्ण घनश्याम विश्वकर्मा, मेघनाद रंजीत सिंह गौर वकील, राक्षस आयुष विश्वकर्मा, अरविंद जोशी, गोविंद लोधा अहिरावण भीमा सोलंकी, गिद्ध गिद्धनी जगदीश विश्वकर्मा, महेश विश्वकर्मा, देवी मुकेश सैनी रहे।
लीला में आरती स्व. मांगीलाल पालीवाल शिक्षक की स्मृति में उनके पुत्र बृज मोहन पालीवाल और उनके सुपौत्र अंकित पालीवाल ने की। विशेष सहयोग स्व. नाथूलाल सोढ़ानी सेठजी की स्मृति में पुनीत सोढ़ानी, निकुंज सोढ़ानी का लीला सौजन्य स्व. डालचंद वर्मा की स्मृति में उनके पुत्र कमलेश वर्मा रिटायर्ड राजस्व विभाग का रहा।