दशहरा का मुख्य पर्व रविवार को दशहरा मैदान और शिप्रा तट पर मनाया जाएगा। दशहरा मैदान पर कोरोना रूपी रावण का पुतला बनाया गया है। शिप्रा तट पर पारंपरिक रावण का पुतला बना है। दशहरा मैदान पर होने वाले रावण दहन को लेकर ओम अमरनाथ खत्री ने बताया रावण दहन प्रतीकात्मक होगा। परंपरा अनुसार महाकालेश्वर की सवारी का पूजन, श्रीराम-लक्ष्मण की सवारी, शमी पूजन आदि होंगे।
महाकालेश्वर की सवारी का पूजन कलेक्टर आशीष सिंह करेंगे। शाम 7 बजे आमंत्रित लोगों की मौजूदगी में पुतले का दहन किया जाएगा। शिप्रा तट पर होने वाले रावण दहन को लेकर चेतन यादव ने बताया शिप्रा तट पर शाम 6.30 बजे से कार्यक्रम की शुरुआत होगी। गुरु बृहस्पति और श्रीराम-लखन की सवारी आएगी। पारंपरिक रूप से पूजन आदि के बाद रावण दहन होगा।
ऑनलाइन प्रसारण
रावण दहन के आयोजनों का ऑनलाइन सोशल मीडिया पर प्रसारण किया जाएगा। शिप्रा तट पर होने वाले कार्यक्रम का महाकाल भक्ति चैनल पर सीधा प्रसारण होगा।
महाकालेश्वर की सवारी 4 बजे शुरू होगी
परंपरा अनुसार भगवान महाकालेश्वर की सवारी शाम को दशहरा मैदान जाएगी। मंदिर के सभागृह में शाम 4 बजे पूजन के बाद रवाना होगी। सवारी में केवल भगवान के प्रोटोकॉल को शामिल किया जाएगा। मुख्य द्वार पर गार्ड ऑफ ऑनर के बाद सवारी विभन्न मार्गों से होते हुए दशहरा मैदान पहुंचेगी। फ्रीगंज में साल में एक बार सवारी आने से रहवासियों में उत्साह रहता है। सवारी के दर्शन, पूजन के लिए पूरे मार्ग पर तैयारी की गई है।
शास्त्रीनगर व अंकपात में कल दशहरा मनेगा
सोमवार शाम शास्त्रीनगर व अंकपात में रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। 27 काे मक्सी रोड स्थित डालडा फैक्टरी मैदान पर ऑनलाइन रावण दहन होगा। समिति अध्यक्ष बबलू दरबार ने दहन कार्यक्रम शाम 7 से रात 9 बजे के मध्य किया जाएगा।
इधर सिद्धवट मैदान भैरवगढ़ पर प्रशासन के नियमों का पालन करते हुए प्रतीकात्मक 11 फीट के रावण के पुतले का दहन होगा। केवल युवा मंच के पदाधिकारियों की उपस्थिति में मिलन समारोह मनाया जाएगा। किसी भी तरह का उत्सव नहीं होगा। प्रतीकात्मक रावण दहन का लाइव प्रसारण करेंगे। रावण के दसों मुंह पर मास्क पहनाकर हाथ में सैनिटाइजर की बोतल देकर सैनिटाइज करने का संदेश दिया जाएगा।
हरिफाटक पर नहीं होगा रावण दहन
कोरोना महामारी के चलते इस वर्ष रावण दहन नहीं होगा। यह निर्णय डायमंड ग्रुप की बैठक में लिया गया। ग्रुप अध्यक्ष कुंदन माली ने बताया हर साल ग्रुप द्वारा हरिफाटक ब्रिज के नीचे रावण दहन किया जाता है, जिसे निरस्त कर दिया है।