नई दिल्ली। आरआईएल और अमेजन के बीच जारी विवाद में नया मोड़ आ गया है। अब अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप से कहा कि अगर वो, रिलायंस के साथ डील खत्म करती है तो कंपनी उसे मजबूत वित्तीय साझेदार या निवेशक से निवेश दिलाने में मदद करेगी। इससे पहले अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप के प्रमोटर्स के खिलाफ सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) में लीगल केस किया था। इसका फैसला अगले हफ्ते तक आ सकता है।
अमेजन का फ्यूजर ग्रुप को ऑफर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेजन ने किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप को भारी कर्ज की दिक्कत से उबारने के लिए बड़े संस्थागत निवेशकों और नए रणनीतिक साझेदारों से निवेश दिलाने की बात कही है। जानकारों का कहना है कि अमेजन, आरआईएल और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुए इस डील चिंतित है। क्योंकि इससे भारत में कंपनी को कड़ी टक्कर मिल सकती है।
भारतीय बाजारों में आरआईएल और अमेजन की उपस्थिति
जबकि आरआईएल की नजर भारत में ऑनलाइन रिटेल स्पेस पर है, जिसे अमेजन और फ्लिपकार्ट लीड कर रहे हैं। वहीं, अमेजन भारत में मजबूत ऑनलाइन मौजूदगी के चलते ऑफलाइन रिटेल बिजनेस में अपनी पकड़ मजबूत करने पर काम कर रही है। इसके अमेजन ने प्राइवेट इक्विटी फंड समारा कैपिटल के साथ 2018 में आदित्य बिरला ग्रुप के सुपरमार्केट चेन का अधिग्रहण किया था।
अमेजन की नजर फ्यूचर ग्रुप के कारोबार पर
रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेजन की नजर फ्यूचर ग्रुप के बिग बाजार, एफबीबी और अन्य के लोकल आउटलेट पर है। क्योंकि इसके जरिए अमेजन लोकल मर्चेंडाइज प्रोडक्ट्स को कम भाव में बड़े स्तर पर खरीदारों के घर तक एक दिन में ही पहुंच सकता है। अब ऐसी स्थिति में अगर फ्यूचर ग्रुप और आरआईएल के बीच डील पूरी हो जाती है, तो अमेजन और फ्यूचर कूपन के बीच जो साझेदारी है, उसका कोई मतलब नहीं होगा।
2019 में रिटेल बिजनेस में एफडीआई के नियमों के चलते अमेजन, फ्यूचर ग्रुप में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने से चूक गया था। इसलिए कंपनी ने ग्रुप की अन्य कंपनी FCPL में 49% हिस्सेदारी के लिए 1,430 करोड़ रुपए का भुगतान किया था, जिससे अमेजन को फ्यूचर रिटेल में बड़ी हिस्सेदारी नहीं मिल पाई थी।
फ्यूचर ग्रुप के प्रमोटर्स के खिलाफ लीगल नोटिस
पिछले महीने अमेजन ने फ्यूचर समूह के प्रमोटर्स को लीगल नोटिस भेजा था। इसमें कहा गया था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के साथ जो उसने डील की है, उससे नॉन-कंपीट कांट्रैक्ट के नियमों का उल्लंघन हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके बावजूद भी अमेजन, फ्यूचर ग्रुप की मदद करना चाहती है।
अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच विवाद
इसी साल अगस्त में फ्यूचर ग्रुप ने आरआईएल को रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक और वेयर हाउस बिजनेस को बेच दिया था। इस पर अमेजन ने आपत्ति जताते हुए फ्यूचर ग्रुप के प्रमोटर्स के खिलाफ सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) लीगल केस कर दिया। इस पर 16 अक्टूबर को सुनवाई हुई थी।
सूत्रों के मुताबिक सुनवाई के दौरान अमेजन, फ्यूचर समूह तथा रिलायंस के इस मामले में वी.के. राजा सोल आर्बिट्रेटर के रूप में थे। वी.के. राजा सिंगापुर के पूर्व एटॉर्नी जनरल हैं। माना जा रहा है कि वे अगले हफ्ते की 26 तारीख को फैसला दे सकते हैं।