उज्जैन। जहरीली शराब का कारखाना खोलकर कई मजदूरों की जान लेने वाला नगर निगम का बर्खास्त कर्मचारी सिकंदर पुलिस रिमांड पर है। अभी तक सिकंदर से कई पुलिस अधिकारी अलग-अलग पूछताछ कर चुके है। सिकंदर ने ही जहरीली शराब बनाने में खाराकुआं व महाकाल थाने के पुलिसकर्मियों की भागीदारी का खुलासा किया था।
उसने पूछताछ में यह भी बताया कि हर महीने वह साइबर सेल व क्राइम टीम के पुलिसकर्मियों को भी बंदी देता था। वे छत्रीचौक पर आते थे। सभी का एक-एक हजार रुपए महीना तय था। सिकंदर पांच दिन रिमांड पर है। पूछताछ में रोज नई जानकारी सामने आ रही है। साइबर व क्राइम टीम के नाम भी उसके द्वारा लिए गए। एडिशनल एसपी अमरेंद्रसिंह चौहान ने कहा जो भी जानकारी अभी तक सामने आई है सभी की अच्छे से पड़ताल कर रहे है।
अन्य संदिग्ध पुलिसकर्मी भी सख्त कार्रवाई से नहीं बच पाएंगे। एएसपी सिंह ने बताया कि अस्पताल से छुट्टी होेते ही बुधवार को पप्पी लगड़ा को भी गिरफ्तार कर लिया गया। उसने शराब बनाने की पूरी विधि और सप्लाय के बारे में बताया है। जहरीली शराब झिंझर का धंधा अच्छा चल पड़ा था। उसकी मांग बढ़ने लग गई थी। केमिकल व टेबलेट का भी उपयोग करने लग गए थे।
फ्रीगंज सराय में भी सप्लाय कर रहे थे
पुलिस को पप्पी लंगड़ा से ही पूछताछ में यह भी जानकारी सामने आई है कि उनके द्वारा फ्रीगंज घासमंडी स्थित मजदूर सराय और हीरा मिल, विनोद मिल की चाल व चामुंडा माता के सामने मिल परिसर समेत सामाजिक न्याय परिसर के आसपास बैठने वाले भिक्षुक व मजदूरों को भी झिंझर सप्लाय कर रहे थे। इसके लिए बाइक, ऑटो का भी इस्तेमाल करते थे।
जांच की दिशा भी भटकाने का प्रयास
स्प्रिट की जांच के नाम पर पुलिस मेडिकल और फैक्टरी वालों के पास जा रही है। उनके लाइसेंस चैक किए जा रहे हैं और उन पर दबाव भी बनाया जा रहा है। शराब कांड में जांच की दिशा भटकाने के लिए ही ऐसा किया जा रहा है। कुछ पुलिसकर्मी तो इसकी आड़ में वसूली तक करने में लग गए हैं।
देररात तक ढाबों पर शराब बेच रहे
शहर में कई ढाबे व होटलें देररात तक शराब बेच रही है। आगर रोड का एक ढाबा इसीलिए पहचाना जाता है। वहीं नानाखेड़ा क्षेत्र में कुछ बड़े ढाबे तो देररात तक खुले रहते है। थानों की बंदी तय होने से ये देररात तक खुले रहते हैं। इंदौर रोड का बड़ा ढाबे से ही हर महीने 20 हजार रुपए का लिफाफा पुलिस को जाता है।