लोगों को क्या चाहिए...बिजली और पानी। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए पूर्व विधायकों ने इसी फॉर्मूले पर अमल करते हुए मतदाताओं को खुश करने के लिए उपचुनाव से पहले गांवों में सैकड़ों हैंडपंप और ट्रांसफार्मर मंजूर करा लिए। लेकिन, यही रणनीति अब उनके लिए जी का जंजाल बन गई है।
दरअसल, मतदाताओं की उम्मीद बढ़ गई और गांव के बाद गली-गली और फिर घर-घर हैंडपंप लगाने की मांग रख दी गई। साथ ही लोगों के रूठने का सिलसिला शुरू हो गया। भांडेर से भाजपा प्रत्याशी रक्षा संतराम सिरौनिया पिछले दिनों एक गांव में पहुंचीं तो वोटर ने कह दिया कि दाऊ साहब के घर के आगे तो हैंडपंप खुदवा दिया, हमसे क्या बुराई थी।
रक्षा ने तब तो कोई जवाब नहीं दिया लेकिन बाद में बताया कि वोटर को खुश रखने के लिए हमसे जो बन पड़ा, वो कर रहे हैं, लेकिन, संतुष्टि का कोई ठिकाना नहीं। अंबाह से भाजपा प्रत्याशी कमलेश जाटव कहते हैं कि मैंने इसी वजह से कम ही हैंडपंप मंजूर कराए थे, क्योंकि ये विवाद का कारण बनते हैं।
मुरैना जिले में आधे से ज्यादा हैंडपंप अकेले पीएचई मंत्री के क्षेत्र में खुदे
- मुरैना जिले में पांच विस सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। सुमावली से पीएचई मंत्री एंदल सिंह कंषाना मैदान में हैं। मुरैना जिले में पिछले छह माह में 1170 हैंडपंप खनन कराए गए हैं। इनमें 600 सुमावली में हुए। सबसे कम 50 हैंडपंप खनन सबलगढ़ में हुए, जहां उपचुनाव नहीं है। छह माह में पांच विस सीटों पर 1538 नए ट्रांसफार्मर रखवाए गए। इनमें सबसे ज्यादा 868 अंबाह में रखवाए गए।
- शिवपुरी जिले में पोहरी और करैरा में उपचुनाव होने हैं। यहां सबसे ज्यादा हैंडपंप उपचुनाव लड़ रहे पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री सुरेश धाकड़ के पोहरी क्षेत्र में खनन हुए हैं। सबसे कम पिछोर में हुए, क्योंकि वहां चुनाव नहीं है। पांचों विधानसभा क्षेत्र में रखे गए 1140 ट्रांसफार्मरों में से 740 पोहरी और करैरा में आए।
- भिंड जिले में छह माह में पांच विधानसभा क्षेत्रों में 70 नए ट्रांसफार्मर रखवाए गए। इसमें आधे उपचुनाव वाले गोहद क्षेत्र में लगवाए गए।
नया हथियार: मांगें मानो वर्ना बहिष्कार
ग्रामीणों ने बहिष्कार की चेतावनी को नया हथियार बना लिया है। गोहद से भाजपा प्रत्याशी रणवीर जाटव कहते हैं कि बिरखड़ी गांव में लोगों ने चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी। इसी बीच पहले से मंजूर ट्रांसफार्मर वहां लगवा दिया गया। इसी को देखकर पड़ाेस के एक गांव के लोगों ने भी बहिष्कार का बैनर लगा दिया। ऐसे में लोगों को समझाना बड़ा मुश्किल हो रहा है कि आचार संहिता में कुछ भी संभव नहीं है।
जितना काम हमने छह माह में करवा दिया, उतना तो कभी नहीं हुआ। हैंडपंप, ट्रांसफार्मर, सड़कें, स्टॉपडैम बनवाए।'
-जसमंत जाटव, करैरा
क्षेत्र के विकास के लिए जो भी करना पड़ा, वो हमने किया। चाहे बात हैंडपंप की हो या ट्रांसफार्मर की।'