देशद्रोह के केस में एक्ट्रेस से 26 अक्टूबर को होगी पूछताछ, बहन रंगोली को भी किया गया तलब; भाई की शादी के लिए दोनों हिमाचल में हैं

Posted By: Himmat Jaithwar
10/23/2020

मुंबई पुलिस ने एक्ट्रेस कंगना रनोट और उनकी बहन रंगोली को समन भेज पूछताछ के लिए बुलाया है। दोनों के खिलाफ अदालत के आदेश पर 17 अक्टूबर को बांद्रा पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था। कंगना को पूछताछ के लिए 26 अक्टूबर और उनकी बहन को 27 अक्टूबर को बुलाया गया है। अपने छोटे भाई अक्षत की शादी में शामिल होने के लिए दोनों बहनें फिलहाल हिमाचल में भांबला में हैं। अगर उनके खिलाफ पुख्ता सबूत मिलते हैं तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।

एक्ट्रेस पर हिंदू-मुस्लिम के नाम पर फूट डालने के आरोप लगे हैं। पिछले सप्ताह कंगना के खिलाफ तुमकुर (कर्नाटक) में भी एफआईआर हुई थी। उन पर किसानों का अपमान करने के आरोप लगे थे।

कंगना पर याचिकाकर्ता के यह थे आरोप
याचिकाकर्ता वकील साहिल अशरफ अली सैयद ने बांद्रा कोर्ट में दायर एक अर्जी में कहा था,"साहिल अशरफ अली सैयद ने अपनी अर्जी में कहा है, "कंगना रनोट पिछले कुछ महीनों से लगातार बॉलीवुड को नेपोटिज्म और फेवरेटिज्म का हब बताकर इसका अपमान कर रही हैं। अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर और टीवी इंटरव्यू के जरिए वे हिंदू और मुस्लिम कलाकारों के बीच फूट डाल रही हैं।"

सैयद ने आगे आरोप लगाया, "उन्होंने बहुत ही आपत्तिजनक ट्वीट किए हैं, जो न सिर्फ धार्मिक भावनाओं को, बल्कि इंडस्ट्री के कई कलीग्स की भावनाओं को भी आहत करते हैं।" साहिल ने सबूत के तौर पर कंगना के कई ट्वीट कोर्ट के सामने रखे हैं।

इन धाराओं में दर्ज हुआ है केस
बांद्रा के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जयदेव वाय घुले ने कंगना के खिलाफ CRPC की धारा 156 (3) के तहत FIR दर्ज कर जांच के आदेश दिए थे। जिस पर एक्शन लेते हुए पुलिस ने कंगना और उनकी बहन के खिलाफ निम्नलिखित धाराओं में केस दर्ज किया है।

  • धारा 153 A: आईपीसी की धारा 153 (ए) उन लोगों पर लगाई जाती है, जो धर्म, भाषा, नस्ल वगैरह के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं। इसके तहत 3 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
  • धारा 295 A: इसके अंतर्गत वह कृत्य अपराध माने जाते हैं जहां कोई आरोपी व्यक्ति, भारत के नागरिकों के किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के विमर्शित और विद्वेषपूर्ण आशय से उस वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करता है या ऐसा करने का प्रयत्न करता है।
  • धारा 124 A: यदि कोई भी व्यक्ति भारत की सरकार के विरोध में सार्वजनिक रूप से ऐसी किसी गतिविधि को अंजाम देता है जिससे देश के सामने सुरक्षा का संकट पैदा हो सकता है तो उसे उम्रकैद तक की सजा दी जा सकती है। इन गतिविधियों का समर्थन करने या प्रचार-प्रसार करने पर भी किसी को देशद्रोह का आरोपी मान लिया जाएगा।
  • धारा 34: भारतीय दंड संहिता की धारा 34 के अनुसार, जब एक आपराधिक कृत्य सभी व्यक्तियों ने सामान्य इरादे से किया हो, तो प्रत्येक व्यक्ति ऐसे कार्य के लिए जिम्मेदार होता है जैसे कि अपराध उसके अकेले के द्वारा ही किया गया हो।



Log In Your Account