भोपाल। चार- पांच एयर कंडीशन इस्तेमाल करने वाले घरेलू उपभाेक्ता, स्पा सेंटर, शाेरूम, दुकानें और आरा मशीन, आटा चक्की वगैरह संचालित कर रहे उपभाेक्ताएओं के मीटराें की अब ऑटाेमैटिक रीडिंग हाेगी। ऊर्जा विभाग ने निर्णय लिया है कि 10 किलाेवॉट लाेड वाले बिजली उपभाेक्ताओं की 1 नवंबर से एएमआर तकनीक से रीडिंग कराई जाए। इसके लिए इस श्रेणी के उपभाेक्ताओं के मीटराें में सिम और माेडेम लगाई जाएगी।
जिनके मीटर सामान्य हैं उनके मीटराें काे इस तकनीक वाले मीटर लगाकर बदला भी जाएगा। इस कवायद के एवज में बिजली कंपनी उपभाेक्ताओं से कोई शुल्क नहीं वसूलेगी। कंपनी के अधिकारियाें का कहना है कि इससे उपभाेक्ताओं और कंपनी दाेनाें काे फायदा हाेगा। कंपनी काे हाेने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई हाेगी और उपभाेक्ताओं काे वास्तविक रीडिंग के बिल मिल सकेंगे।
इसकी ये चार वजह
- मैन्युअली रीडिंग के कारण हाेती थी गड़बड़ी व धांधली।
- मंजूरी से ज्यादा लाेड इस्तेमाल का पता नहीं चल पाता था ।
- कंपनी काे हाे रहा था आर्थिक नुकसान।
- उपभाेक्ताओं काे वास्तविक रीडिंग समझने में हाे रही थी दिक्कत।
ऐसी-ऐसी गड़बड़ी हाे रही थी
- किसी उपभाेक्ता ने 10 किलाेवॉट का लाेड सेंक्शन कराया और वह 15-20 किलाेवॉट लाेड इस्तेमाल कर रहे थे।
- कुछ मामलाें में वास्तविक खपत और उपभाेक्ता काे दिए गए बिल में 7.5 से 9 हजार रु. तक का अंतर आया।
1.22 लाख मीटराें काे बदलेंगे
एएमआर तकनीक से गड़बड़ी रुकेगी। भाेपाल समेत अन्य शहराें के ऐसे उपभाेक्ताओं के 1.22 लाख मीटराें काे बदला जाएगा। इससे 35 से 40 फीसदी तक राजस्व की वृद्धि भी हाेगी।
- संजय दुबे, प्रमुख सचिव ऊर्जा विभाग