होशंगाबाद की महिला की एम्स में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। एम्स प्रबंधन का कहना है कि महिला ने खिड़की से कूदकर आत्महत्या की है। जबकि परिजन इसे लापरवाही बता रहे हैं। परिजन का कहना है कि डाॅक्टर की लापरवाही से मौत हुई है और प्रबंधन मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि इस संबंध में एम्स की सुपरिटेंडेंट डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने इन आरोपों को गलत बताया है।
बागसेवनिया पुलिस के मुताबिक, होशंगाबाद निवासी त्रिवेणी मीना (60) पति राधेश्याम मीना कोरोना संक्रमण के चलते एम्स के कोरोना वार्ड में भर्ती थी। मंगलवार को देर रात करीब 12 बजे वह खिड़की से कूद गई, नीचे गिरने से उसके सिर में चोट लगी, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि रात में ड्यूटी डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ कोरोना वार्ड में राउंड पर थे। यहां त्रिवेणी अपने बेड पर नहीं मिलीं। मेडिकल स्टाफ ने इधर-उधर झांका। बाथरूम चेक किया, लेकिन महिला कहीं नहीं दिखी। बाद में देखा तो खिड़की खुली थी। महिला दोमंजिला से कूद गई थी। नीचे जाकर देखा तो महिला की मौत हो चुकी थी। पुलिस महिला का पोस्टमार्टम एम्स में करवा रही है।
इधर, महिला के परिजन ने कहा कि वे अपने रिश्तेदार के शव का पोस्टमार्टम किसी अन्य अस्पताल में करवाना चाहते हैं, ताकि असलियत सामने आ सके। महिला के भतीजे सुनील ने बताया कि उन्हें रात 10 बजे बागसेवनिया थाने से फोन आया कि त्रिवेणी के परिजन कहां रहते हैं। इसके बाद 11 बजे फिर फोन आया और बताया गया कि त्रिवेणी ने खिड़की से कूदकर आत्महत्या कर ली है। जब परिवार एम्स अस्पताल पहुंचा तो प्रबंधन ने कोई भी जवाब नहीं दिया। प्रबंधन ने कहा कि उन्हें खुद पता नहीं किन परिस्थितियों में पीड़ित ने जान दी है?
जबलपुर में सुपर स्पेशीलिटी अस्पताल से चार बार कूदे कोरोना मरीज, दो की जान गई
जबलपुर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल से अगस्त से लेकर अक्टूबर तक 4 बार कोरोना मरीज वार्ड की खिड़की से नीचे कूद चुके हैं। इसमें दो मरीजों की मौत भी हो गई, वहीं दो मरीजों को मेडिकल स्टाफ की सूझबूझ से बचा लिया गया। हालांकि इन घटनाओं से सबक नहीं लिया गया और आज राजधानी भोपाल के एम्स में भी ऐसी ही घटना हुई।