मतदान के पहले मप्र के मंत्री सिलावट को छोड़ना पड़ा पद, बोले- पद मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं; पहले भी विधायकी और मंत्री पद छोड़ चुके हैं

Posted By: Himmat Jaithwar
10/21/2020

इंदौर। सांवेर से भाजपा प्रत्याशी तुलसी सिलावट ने प्रदेश के जल संसाधन मंत्री का पद अंतत: छोड़ दिया है। उन्होंने मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री को इस्तीफा भेज दिया था। नियम के अनुसार, वे बिना विधायक बने 21 अक्टूबर तक ही मंत्री पद पर रह सकते थे। मंत्री पद जाने के साथ ही उन्हें मिलने वाली सभी सुविधाएं छिन गई हैं। दरअसल, सिलावट ने कांग्रेस और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद 21 अप्रैल को भाजपा की सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी। नियम यह है कि गैर विधायक अधिकतम 6 माह तक ही मंत्री रह सकते हैं।

मंत्री पद छोड़ने के बाद बुधवार को चुनाव-प्रचार में निकले सिलावट ने कहा कि मेरे मंत्री पद को बुधवार को 6 महीने हो रहे हैं। मैंने कल ही इस्तीफा दे दिया। पद मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं है। मेरे लिए सेवा, मप्र का विकास और प्रगति महत्वपूर्ण है। मैंने पहले भी कांग्रेस छोड़ी, विधायक और मंत्री पद छोड़ा, अभी भी इस्तीफा दे दिया। त्याग-समर्पण मेरी भावना है। मेरा क्षेत्र पहले है, इसलिए कुर्बानी करना मेरे लिए जरूरी है। मेरे क्षेत्रवासियों की सेवा करना ज्यादा जरूरी है। मंत्री पद महत्वपूर्ण है, लेकिन सेवा बिना मंत्री पद के भी की जा सकती है।

ये है नियम
नियमों के अनुसार, कोई भी ऐसा व्यक्ति 6 माह से ज्यादा समय के लिए मंत्री नहीं रह सकता है, जो विधानसभा का सदस्य न हो। इस हिसाब से 21 अक्टूबर को दोनों मंत्रियों की यह समय-सीमा समाप्त हो जाएगी। इस समय-सीमा में उपचुनाव की प्रक्रिया भी पूरी नहीं होगी। गोविंद सिंह राजपूत सुरखी और तुलसी सिलावट सांवेर से अपनी परंपरागत सीटों से उप चुनाव लड़ रहे हैं। सिंधिया के समर्थन में 10 मार्च को 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके कारण कमलनाथ सरकार गिर गई थी और चौथी बार शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। शिवराज ने 28 दिन बाद 21 अप्रैल को मंत्रिमंडल का गठन किया था, इसमें सिंधिया खेमे के तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई थी।

ये सुविधाएं तत्काल छिन जाएंगी
मंत्री पद जाते ही सिलावट से 1000 किलोमीटर का डीजल/पेट्रोल, 15 हजार रुपए मकान किराया। 3000 सत्कार भत्ता। मानदेय के बतौर 13 हजार 500 रुपए (मंत्री) और 7500 अलग। (इसमें कुछ राशि अलग-अलग भत्तों की बढ़ी हुई लागू है।)

  • ड्राइवर, गनमैन।
  • वेतन, मंत्री को मिलने वाले 8 तरह के भत्ते और मानदेय।
  • ओएसडी, पीए।
  • इंदौर में मिला सरकारी बंगला, सरकारी दफ्तर, 6 सदस्यीय स्टाफ



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