इंदौर। कोरोना मरीजों पर आयुर्वेदिक दवाओं का ट्रायल करने के लिए बाबा रामदेव की पतंजलि को मिली मंजूरी में फिर पेंच आ गया है। चार दिन पहले स्वास्थ्य विभाग की अपर संचालक डॉ. वीणा सिन्हा ने स्टेट टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी की सिफारिशों के आधार पर आदेश निकालकर किसी भी मरीज पर आयुर्वेदिक दवाओं के ट्रायल की मनाही की है। हालांकि उनके पत्र में पतंजलि का जिक्र नहीं है, लेकिन इसमें स्पष्ट लिखा है कि कोरोना मरीजों पर एलोपैथी और आयुर्वेदिक दवाएं साथ-साथ देने के प्रभाव अब तक सामने नहीं आए हैं, इसलिए ऐसा कोई ट्रायल न किया जाए।
दिलचस्प बात ये है कि जिन डॉ. सिन्हा ने नए कोविड प्रोटोकॉल में ये निर्देश दिया है, उनके ही विभाग से पतंजलि के लिए ट्रायल की मंजूरी जारी हुई थी। पत्र में उन्होंने विस्तार से कोरोना मरीजों की देखभाल, इलाज, ऑक्सीजन देने की स्थिति, दवाओं व इंजेक्शन के प्रयोग और क्वारेंटाइन को लेकर निर्देश दिए हैं। सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया ने भी इसकी पुष्टि की और कहा कि ताजा आदेश के संदर्भ में देखें तो फिलहाल पतंजलि दवाओं का ट्रायल नहीं कर सकेगी।
दूसरी बार उलझा मामला
इससे पहले पतंजलि ने मई महीने में भी इंदौर में कोरोना मरीजों ट्रायल के लिए मंजूरी मांगी थी। तब प्रशासन ने सहमति दे दी, लेकिन विवाद बढ़ा तो प्रशासन ने कदम पीछे खींचे और मंजूरी निरस्त कर दी। इसके बाद मामला ठंडा पड़ गया।