कोरोना काल में अपने बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल फोन देना कुछ माता-पिता के लिए परेशानी का सबब बन गया है। कई बच्चे पैरेंट से पढ़ाई करने के बहाने मोबाइल लेकर इंटरनेट पर न सिर्फ एडल्ट कंटेंट देख रहे हैं, बल्कि ऑनलाइन गेम खेलकर बुलिंग के शिकार भी हो रहे हैं। दरअसल, कई पैरेंट्स ने फोन करके चाइल्ड लाइन, माशिमं हेल्पलाइन व उमंग हेल्पलाइन में बच्चों द्वारा मोबाइल पर गलत साइट देखने की शिकायत की है।
साथ ही पूछा है कि बच्चों को कैसे रोकें। कुछ पैरेंट ने यह शिकायत भी की है कि उनके बच्चे अनजान लोगों के संपर्क में आ गए हैं, जो उनका गलत फायदा उठा रहे हैं। वे पुलिस के चक्कर में नहीं पड़ना चाहते। चाइल्ड लाइन में ऐसे 16 मामलों में काउंसलिंग चल रही है। वहीं यहां सायबर बुलिंग सहित एडल्ट कंटेंट को लेकर 226 शिकायत पहुंची हैं, जबकि उमंग व माशिमं की हेल्पलाइन पर औसतन 4 केस रोज ऐसे पहुंच रहे हैं।
बेटा देख रहा था पोर्न साइट
अरेरा कॉलानी निवासी एक महिला ने अपने 13 वर्षीय बेटे को पढ़ाई के लिए मोबाइल दिया, लेकिन बच्चा ऑनलाइन गेम खेलने लगा। इस पर उसे डांटा भी। एक दिन क्लास के बहाने उसने हॉटस्पॉट चालू कराया। वह मोबाइल पर कुछ देखने में बहुत व्यस्त था। वे चुपचाप बच्चे के पीछे गईं तो वह पोर्न साइट देख रहा था। जब डांटा तो उसने बताया कि उसके ग्रुप के दोस्त ने लिंक भेजी थी। इसके बाद महिला ने उमंग हेल्प लाइन में फोन कर समस्या बताई।
बेटी ने लड़के को भेज दीं फोटो
शाहपुरा थाना क्षेत्र में 14 वर्षीय किशोरी की मां ने चाइल्ड लाइन पर शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि उन्होंने बेटी को ऑनलाइन क्लास अटेंड करने मोबाइल दिया था। उसने सोशल मीडिया से कई अजान लोगों से दोस्ती कर ली। इनमें से एक लड़के की बातों में आकर बेटी ने वॉट्सएप पर कई तस्वीरें भेज दीं। उनकी एडिटिंग कर लड़के ने ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। चाइल्ड लाइन ने पुलिस की मदद लेकर संबंधित लड़के के खिलाफ केस दर्ज कराया।
चैटिंग वायरल करने की धमकी
गुलमोहर निवासी अभिभावक ने उमंग हेल्पलाइन में अपनी 15 वर्षीय बेटी के संबंध में मदद मांगी। उन्होंने बताया कि बेटी का दोस्त चैटिंग सार्वजनिक करने के नाम पर ब्लैकमेल कर रहा था। माता-पिता को जब पता चला तो उन्होंने दोस्त को समझाया। इसके बाद उसने परेशान करना बंद कर दिया, लेकिन अब वह पूरी चैट को डिलीट करने के लिए उनसे ही 1 लाख रुपए मांग रहा है। वहीं उनकी बेटी अपराधबोध के कारण आत्महत्या की कोशिश कर चुकी है।
हेल्पलाइनों पर पहुंचे कॉल
- 226 फोन चाइल्ड लाइन
- 175 माशिमं हेल्पलाइन
- 124 उमंग हेल्पलाइन
चाइल्ड लाइन ने शिकायत पर सायबर बुलिंग के 3 केस दर्ज कराए हैं।
-अर्चना सहाय, डायरेक्टर, चाइल्ड लाइन
बचाव के लिए यह करें
- पैरेंट बच्चों को अपने साथ सोशल मीडिया पर जोड़े, ताकि उन पर नजर रख सकें।
- बच्चों के व्यवहार पर नजर रखें, यदि परिवर्तन दिखाई दे तो उससे बात करें।
- बच्चों को विश्वास में ले
बुलिंग से बचने ये करें...
- हर उस चीज का स्क्रीनशॉट लें, जिसे आप समझते हैं कि ये साइबर बुलिंग हो सकती है।
- परेशान करने वाले को ब्लॉक करें व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपराधी की सूचना दें।
- चाइल्ड लाइन 1098, उमंग हेल्पलाइन 14425 व मांशिम हेल्पलाइन 18002330175 में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
- वेबसाइट पर किसी व्यक्ति की ओर से डाले गए अपडेट, फोटो, वीडियो पर आहत करने वाले कमेंट्स न करें। व्यक्ति को ब्लॉक करे।