वैक्सीन आई तो भी जिले में हर व्यक्ति को लगाने में लगेंगे 7 महीने, सरकार ने माँगी स्टाफ की जानकारी

Posted By: Himmat Jaithwar
10/19/2020

देश में कोरोना वैक्सीन जल्द आने की खबरों के बीच राज्य सरकारों ने इसको लगाने की तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। वैक्सीन सिंगल डोज होगी या डबल इसकी भी जानकारी नहीं है, फिलहाल तो स्वास्थ्य विभाग ने जिलों में टीकाकरण के काम करने वाले स्टाफ की जानकारी लेना शुरू कर दिया है। पिछले साल जिले में चले मीजल्स रुबेला वैक्सिनेशन में 15 प्रतिशत आबादी को टीका लगाने में एक महीने का समय लगा था, इस िहसाब से तो सभी नागरिकों को इसे लगाने में 7 महीने का समय लगेगा।

एएनएम लगाती हैं टीका

टीकाकरण के काम में मैदानी स्टाफ में आक्सलरी नर्सिंग मिडवाइफरी (एएनएम) और आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका होती है। इसमें आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका सिर्फ सहयोगी की होती है, टीका लगाने का काम एएनएम द्वारा ही किया जाता है। जिले में एएनएम की संख्या आबादी के हिसाब से काफी कम है, विशेष अभियानों में ट्रेनिंग एएनएम और बीएससी नर्सिंग स्टाफ का सहयोग लिया जाता है।

डोज का कोर्स पता नहीं

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. एसएस दाहिया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने जिले के वैक्सिनेटरों की जानकारी तथा उनकी आईडी माँगी है। इसके साथ ही पूर्व में चलाए गए पोलियाे और मीजल्स रुबेला के टीकाकरण में कैसे काम किया गया, इसकी भी जानकारी ली जा रही है। हालाँकि अभी वैक्सीन आने का समय नहीं बताया गया है लेकिन तैयारियों को देखते हुए इसके दो-तीन महीने में उपलब्ध होने की संभावना है। वैक्सीन का डोज सिंगल होगा या इससे ज्यादा टीके लगाए जाएँगे इसकी जानकारी नहीं है।

री-इन्फेक्शन की हो रही जाँच

वैक्सीन के डोज को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं होने के बीच देश में कोरोना के री-इन्फेक्शन मामलों के सामने आने पर उस पर रिसर्च हो रही है। ऐसा माना जा रहा है कि रीयल इन्फेक्शन के बाद फिर संक्रमण होता है तो वैक्सीन के कारगर होने की संभावना कम ही रहेगी। अभी कई मामले ऐसे आए हैं जिसमें आइसोलेशन और क्वारेंटीन पीरियड पूरा करने के बाद भी वायरस सक्रिय मिला। फिलहाल इसे री-इन्फेक्शन नहीं मानते हुए पहले संक्रमण के दौरान ही वायरस के निष्क्रिय न होने की बात की जा रही है। शहर की एक महिला स्वास्थ्य अधिकारी संक्रमण के बाद निजी अस्पताल में भर्ती हुईं। संक्रमण मुक्त होने के बाद वे दूसरी बीमारियों के इलाज के लिए मेदांता अस्पताल दिल्ली गईं तो वहाँ फिर से कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। डॉ. दाहिया के अनुसार अब ऐसे मामलों में यह रिपोर्ट आ रही है कि 90 दिन तक वायरस सक्रिय रह सकता है।

15 साल के बच्चों में लगे थे एक महीने

बीते साल जनवरी महीने में स्वास्थ्य विभाग ने 15 साल के बच्चोंं को मीजल्स रुबेला टीका लगाने के लिए वृहद स्तर पर अभियान चलाया था। जिले की आबादी में इस उम्र के बच्चों का औसत 15 है। इस टीकाकरण अभियान में अतिरिक्त स्टाफ लगाने के बाद भी विभाग को एक महीने से ज्यादा का समय लगा था। फिलहाल कोरोना वैक्सीन आने पर मेडिकल स्टाफ तथा 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को पहले टीका लगाने की बात की जा रही है, यह संख्या भी लगभग 11 प्रतिशत होती है, इसमें ही करीब एक महीने का समय लगने की बात की जा रही है।



Log In Your Account