सीएम की करैरा-पोहरी में 7 दिन में 4 सभाएं, इन सभी सभाओं में भाषण भी किसान पर ही केंद्रित रहा

Posted By: Himmat Jaithwar
10/19/2020

शिवपुरी। विधानसभा उप चुनाव में भाजपा किसानों पर केंद्रित होकर चल रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का करैरा व पोहरी विधानसभा में सात दिन में रविवार को दूसरा चुनावी दौरा रहा। अभी तक गांवों लीं चारों सभाओं में मुख्यमंत्री का भाषण किसानों पर ही ज्यादा केंद्रित है। पोहरी के झिरी गांव में सीएम ने कहा कि छह माह के कार्यकाल में किसानों को बीमा क्लेम दिलाया, ब्याज माफ किया और सम्मान निधि बढ़ाई। अब जिनकी फसल खराब हुई है, सर्वे कराकर भरपूर राहत राशि दूंगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कर्जमाफी मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वह एक भी बार गांव-गरीब के पास नहीं आए। फसल खराब हुई तो मैंने कई बार कहा कि एकाध बार जाकर देखा तो। वो बोले कि हम नहीं जाते, हम तो बंगलों में ही रहते हैं। हम शिवराज थोड़े ही ना हैं। मैंने कहा कि तेरी प्यारी-प्यारी सूरत को किसी की नजर ना लगे फिर से कहा कि एकाध बार तो चले जाओ, तो बाेले कि नहीं, पर्दे में ही रहने दो। सीएम चौहान ने कहा कि ये तकलीफ देखने नहीं आए, जनता का क्या साथ निभाएंगे। वो तो ठहरे परदेशी साथ क्या निभाएंगे।

मजाकिया अंदाज: प्रत्याशी से कहा- बड़ी देर भई नंदलाला, पहले ही समझ जाते यार
पोहरी | पोहरी के झिरी में मुख्यमंत्री ने कहा कि वल्लभ भवन में जब सुरेश धाकड़ जाते थे तो कहते थे कि मिलने का टाइम नहीं है, चलो-चलो। सरकूला डैम बनवाने, सड़क बनवाने की कह-कह कर थक गए बेचारे सुरेश धाकड़। मुख्यमंत्री ने पूछा कि सुरेश काम कराए, तो सुरेश धाकड़ बोले कि कुछ भी नहीं कराया। मुख्यमंत्री ने मजाकिया अंदाज में कहा कि सुरेश बड़े उत्साह से कांग्रेस से विधायक बने थे। वहां गए तो दरवाजे ही बंद थे, थक गए बेचारे कह-कहकर। कहते रहे कि कुछ तो कर दो, जनता को क्या मुंह दिखाऊंगा और सवा साल में कांग्रेस के पाप का घड़ा भर गया तो सिंधिया के साथ लट्‌ठ मारकर फोड़ फाड़ दिया और भारतीय जनता पार्टी में आ गए। बड़ी देर भई नंदलाला, पहले ही समझ जाते यार, वहां (कांग्रेस) में क्या धरा है।

धान खरीदी और सोनचिरैया अभयारण्य पर किसानों को साधने की कोशिश
करैरा| करैरा के आमोलपठा में मुख्यमंत्री ने भाषण में धान खरीदी और सोनचिरैया के माध्यम से किसानों को साधने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए हमने रजिस्ट्रेशन प्रारंभ कर दिए हैं। मोटी हो या पतली हो, छोटी हो या बड़ी हो, मामा पूरी धान का एक-एक दाना खरीदेगा, चिंता मत करना। हम कमलनाथ थोड़े ही हैं जिनको किसानों का दर्द ही पता नहीं है। भाव भी गिर गया तो मामा खरीदेगा। उन्होंने कहा कि बहुत दिन हो गए सोनचिरैया अभयारण्य, ना सोन है ना चिरैया है। केवल किसानों की खेती की खरीदी-बिक्री रुक गई। अब मामला पूरी तरह से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, चाहे जितने बड़े वकील लगाना पडें, लगाकर सोनचिरैया अभयारण्य को समाप्त किया जाएगा। ताकि किसानों की दिक्कत दूर हो सके।

शायराना अंदाज: मुख्यमंत्री ने कहा- तेरी प्यारी-प्यारी सूरत को किसी की नजर ना लगे
मुख्यमंत्री चौहान ने पूर्व सीएम कमलनाथ के गांवों में नहीं जाने को लेकर कहा कि तेरी प्यारी-प्यारी सूरत को किसी की नजर ना लगे और पर्दे में ही रहने दो तथा बाहरी बताकर कहा कि वो तो ठहरे परदेशी साथ क्या निभाएंगे। सिया राम मय सब जग जानी वाली रामायण की चौपाइयां से अपनी मानसिकता बता रहे हैं। सरकार में रहते कमलनाथ के खजाना खाली बयान पर मुख्यमंत्री चौहान ने रोने के अंदाज में कटाक्ष किया।



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