दतिया के पीतांबरा पीठ में माता के दर्शनों का समय 3 घंटे बढ़ा दिया गया है। यह सुबह साढ़े 8 बजे की जगह अब सुबह साढ़े 5 बजे ही खुल जाएंगे। हालांकि पट अब भी शाम साढ़े 7 बजे ही बंद होंगे। इसके आदेश जारी हो गए हैं। इधर, रतनगढ़ माता मंदिर को भी खोलने का आदेश सेंवढ़ा एसडीएम ने ही जारी कर दिया थे, लेकिन सुबह यह देर से ही खुला। हालांकि पूरे दिन सैकड़ों दर्शनार्थियों ने दर्शन लाभ लिया।
पीतांबरा पीठ अब भी शाम को पहले की तरह साढ़े 7 बजे बंद हो जाएगा।
इससे पहले शनिवार की वजह से श्री पीतांबरा पीठ पर देश के कोने कोने से हजारों श्रद्धालु छह बजे ही मंदिर पर दर्शन करने पहुंच गए, लेकिन माता का दरवाजे साढ़े आठ बजे खुला और श्रद्धालुओं को ढाई घंटे तक मैन गेट पर ही लाइन में लगकर इंतजार करना पड़ा। जिले के बांकी देवी मंदिरों के ताले नहीं खुले। विजय काली बड़ी माता मंदिर पर नवरात्र के पहले दिन ही 10 हजार से अधिक महिलाओं ने मंदिर के बाहर से ही जल चढ़ाया।
अधिकारी नहीं ले पा रहे थे निर्णय
कोविड-19 की वजह से मंदिरों को बंद किया गया था, लेकिन भारत सरकार के अनलॉक-5 में सभी मंदिरों को खोलने की अनुमति दे दी गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद गृह मंत्रालय ने भी मंदिर खोलने के आदेश जारी कर दिए थे, लेकिन जिला प्रशासन मंदिर खोलने को लेकर निर्णय नहीं कर पा रहा था। सिर्फ रतनगढ़ मंदिर को खोलने का ही आदेश शुक्रवार को जारी हुआ था। शहर की कुल देवी विजय काली बड़ी माता, खैरी माता मंदिर, रामगढ़ की काली माता मंदिर समेत जिला प्रशासन के अधीन सभी मंदिर बंद रहे।
सुबह छह बजे से लग गई थी लाइन
शनिवार को नवरात्र के प्रथम दिन श्री पीतांबरा पीठ पर छह बजे ही हजारों लोग दर्शन करने लाइन में लग गए थे। इन श्रद्धालुओं को ढाई घंटे इंतजार के बाद सुबह साढ़े आठ बजे प्रवेश मिला। पीतांबरा पीठ को नवरात्र में सुबह 6 बजे खोलने की मांग गई, लेकिन मंदिर प्रबंधन के कुछ लोग सुबह 6 बजे मंदिर खोलने के लिए तैयार नहीं हुए। ऐसे में शनिवार को मंदिर सुबह साढ़े 8 बजे भक्तों को खोला गया और शाम को साढ़े 7 बजे इसके पट बंद कर दिए गए। हालांकि अब इसे सुबह साढ़े 5 बजे खोलने का निर्णय लिया गया है।
सलकनपुर में माता के दर्शन भक्तों को दूर से ही करना पड़ रहे हैं।
सलकनपुर में भक्तों की भीड़ बढ़ी
भोपाल से करीब 70 किमी दूर स्थित सलकनपुर दरबार में पहले दिन शनिवार को करीब 5 हजार भक्तों ने दर्शन किए, लेकिन रविवार को सुबह भक्तों की अच्छी भीड़ नजर आई। हालांकि अब भी माता के दर्शन दूर से ही करना पड़ रहा है। भक्तों को जल और फूल आद अर्पित करने की अनुमति नहीं है। मंदिर पहुंचे भक्त विष्णु शर्मा ने बताया कि पिछले साल यहां आने पर काफी भीड़ थी, लेकिन आज उससे काफी कम लोग नजर आए। माता के भी दर्शन दूर से ही करना पड़ा है। फिर भी खुशी है कि मां के दर्शन तो हुए।