उज्जैन जहरीली शराब कांड में एसआईटी की जांच के बाद दो बड़े अधिकारियों पर गाज गिरी है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद उज्जैन के एसपी मनोज सिंह को हटाया दिया गया है। वहीं, क्षेत्र के सीएसपी रजनीश कश्यप को सस्पेंड किया गया है। सीएम की नाराजगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एसआईटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद उन्होंने इस संबंध में रविवार को बैठक की और कार्रवाई के आदेश दिए।
मुख्य आरोपी सिकंदर और गब्बर को पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
उज्जैन में 3 दिन पहले जहरीली शराब से 15 लाेगाें की माैत हो गई थी। ये मौतें लगातार दो दिन के अंदर सामने आई थीं। मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एसआईटी जांच के निर्देश जारी किए थे। रविवार काे मामले काे लेकर मुख्यमंत्री निवास पर बैठक हुई। जिसमें एसआईटी चीफ अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने रिपोर्ट की जानकारी सीएम को दी। इसके बाद लापरवाही पाए जाने पर एसपी और सीएसपी पर कार्रवाई की संस्तुति की गई। इससे पहले खाराकुआं टीआई एमएल मीणा और एसआई निरंजन शर्मा और महाकाल थाने के दो जवानों को भी निलंबित कर दिया गया था।
एसआईटी ने मामले की दो दिन जांच की।
दोनों पुलिसकर्मी पर गैर इरादतन हत्या का केस
जहरीली शराब कारोबार के सरगना खाराकुआं थाने के आरक्षक नवाज और अनवर शेख को शनिवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इन पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है। वहीं, महाकाल थाने के पुलिसकर्मियों का गठजोड़ भी सामने आने के बाद सिपाही इंद्रविक्रम उर्फ बंटी और सुदेश खोड़े को सस्पेंड कर दिया गया। जहरीली शराब बनाने से लेकर अन्य मामलों में चारों का बर्खास्त निगमकर्मी सिकंदर और गब्बर से गठजोड़ था। शासन ने आबकारी सहायक आयुक्त केसी अग्निहोत्री को भी हटा दिया है। उन्हें ग्वालियर भेजा गया है। नगर निगम के सहायक आयुक्त सुबोध जैन को भी निलंबित किया गया है। जहरीली शराब कांड के बाद हुई कार्रवाई में अब तक 146 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। शनिवार को एसपी मनोज सिंह और कलेक्टर आशीष सिंह खाराकुआं थाने पहुंचे थे।