मुंबई: महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल खोलने को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) आमने-सामने हैं. दोनों तरफ से वाकयुद्ध चल रहा है. इस बीच, शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने इशारों-इशारों में राज्यपाल पर निशाना साधा है. केवल महाराष्ट्र ही नहीं उन्होंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाया है.
मीडिया से बात करते हुए राउत ने कहा कि देश में इस वक्त दो ही प्रदेशों महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में राज्यपाल हैं. बाकी जगह राज्यपाल हैं या नहीं मुझे नहीं पता. शिवसेना नेता ने आगे कहा कि राज्यपाल भारत सरकार और राष्ट्रपति के पॉलिटिकल एजेंट होते हैं. ऐसा इसलिए कि वे राजनीतिक काम करते हैं.
भाजपा पर निशाना
संजय राउत इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के राज्यपालों पर तंज कसते हुए कहा, ‘ऐसा लगता है कि आजकल पूरे देश में सिर्फ दो ही प्रदेशों में राज्यपाल हैं, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल. बाकी कहीं राज्यपाल हैं या नहीं, मैं नहीं जानता. क्योंकि यहां विरोधियों की सरकारें हैं.’ राउत ने भाजपा पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हमने कभी राज्यपाल को वापस बुलाने का नहीं कहा, लेकिन केंद्र में यदि UPA की सरकार होती और उनके राज्यपाल इस तरह का व्यवहार करते तो भाजपा जरूर कहती कि राज्यपाल को वापस बुलाया जाए.
मीडिया पर रहे खामोश
मीडिया ने जब संजय राउत से बॉलीवुड पर सवाल किया, तो वे जवाब देने से बचते नजर आये. उन्होंने केवल इतना ही नहीं कि ‘मुझे कुछ नहीं मालूम.’ गौरतलब है कि मंदिर खोलने को लेकर राज्यपाल और शिवसेना सरकार में विवाद चल रहा है. राज्यपाल चाहते हैं कि राज्य में मंदिर खोलने की इजाजत दी जाए, लेकिन शिवसेना इसके लिए तैयार नहीं है. मुख्यमंत्री ठाकरे की तरफ से कहा गया है कि सरकार धीरे-धीरे अनलॉक की तरफ आगे बढ़ रही है.
राज्यपाल ने लिखी थी चिट्ठी
आपको बता दें कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर मंदिर खोलने की मांग की थी. उन्होंने कहा था, '1 जून से आपने मिशन फिर से शुरू करने की घोषणा की गई, लेकिन चार महीने बाद भी पूजा स्थल नहीं खोले जा सके हैं.' उन्होंने आगे कहा था, 'यह विडंबना है कि सरकार ने बार और रेस्तरां खोल दिए हैं, लेकिन देवी और देवताओं के स्थल को नहीं खोला गया है. आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं. आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्ति व्यक्त की. क्या आपने अचानक खुद को धर्मनिरपेक्ष बना लिया है? जिस शब्द से आपको नफरत है?'