उज्जैन। जिस जहरीली शराब से लगातार मौतें हुई, यह स्प्रीट से बना रहे थे। सीएसपी रजनीश कश्यप ने बताया कि स्प्रीट बेहद खतरनाक होता है। ये आंते तक जला देता है। आरोपी इसे सीधे पानी में घोलकर शराब बनाते और बेच देते थे। इसी कारण बहुत जहरीली हो जाती थी। इसमें अल्कोहल की मात्रा 80 फीसदी तक होती थी, जो काफी घातक है। सबसे बड़ा सवाल है शहर के जिम्मेदार विभागों पर। बीच शहर में चल रहे मौतों के इन अड्डों पर ड्रग डिपार्टमेंट, आबकारी और नगर निगम की कभी नजर पड़ी ही नहीं। पुलिस भी 12 मौतों के बाद जागी।
मौतों के बाद गुप्ता सर्जिकल सील, आशीष सेल्स पर दबिश
मौतों के बाद जिला प्रशासन, पुलिस और ड्रग विभाग जागा है। गुरुवार को संयुक्त रूप से माधव क्लब रोड स्थित दवा बाजार में संचालित गुप्ता सर्जिकल पर कार्रवाई की है। टीम ने जांच में पाया कि गुप्ता सर्जिकल के संचालक आकाश गुप्ता द्वारा ज्यादा मात्रा में स्प्रीट का स्टॉक कर रखा था। यहां 200 लीटर स्प्रीट पाया गया है, जिसे जब्ती में लिया है। एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी और ड्रग इंस्पेक्टर धर्मसिंह कुशवाह ने गुप्ता सर्जिकल को सील कर दिया है। ड्रग विभाग की टीम ने मुसद्दीपुरा में संचालित आशीष सेल्स पर भी दबिश दी। यहां से स्प्रीट के दो सैंपल लिए हैं। इधर, आबकारी विभाग के एडीईओ आरएस पचौरी ने कहा झिंझर तो मेडिसिन होती है, मेडिसिन आबकारी में नहीं है। हम तो कच्ची शराब के मामले में कार्रवाई करते हैं।
उज्जैन की घटना दुर्भाग्यपूर्ण, ऐसे लोगों को फांसी के फंदे तक पहुंचाए- सीएम
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार सुबह अपने निवास पर विशेष बैठक बुलाकर वरिष्ठ अधिकारियों से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए निर्देश दिए कि ऐसे पदार्थ बेचने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा ऐसे पदार्थ को बेचने वाले व्यक्तियों का नेटवर्क तोड़ा जाए। घटना के विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) द्वारा जांच हो। प्रदेश में अन्य कई स्थानों पर यदि ऐसी वस्तुएं बेची जा रही हैं तो पुलिस बल इसका पता लगाए और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे। मुख्यमंत्री ने कहा अपर मुख्य सचिव गृह इस मामले में समन्वय कर प्रारंभिक जांच के आधार पर प्रतिवेदन दें। ऐसे विषैले नशीले पदार्थ बेचने वाले समाज के दुश्मन हैं। इन्हें कड़ी सजा मिले। ऐसे लोगों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने का कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा न सिर्फ उज्जैन बल्कि पूरे प्रदेश में इस तरह के मामलों पर नजर रखी जाए। जहां कहीं भी जहरीले पदार्थों का विक्रय होने की आशंका हो, सख्त कार्रवाई की जाए।
धार्मिक नगरी में जहरीली शराब से लोगों की मौत, गृहमंत्री इस्तीफा दें- कांग्रेस
पूर्व मंत्री व कांग्रेस मीडिया सेल के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि धार्मिक नगरी में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो रही है, ऐसी स्थिति में गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विवेक गुप्ता एडवोकेट ने बताया इसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय में संपर्क किया, जहां पर मंत्रालय के सुनील कुमार से बात हुई है। उन्हें उज्जैन के हालातों से अवगत कराया है। उन्होंने ई-मेल पर पूरी जानकारी देने के लिए कहा है। मजदूरों की मौत के मामले में शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेश सोनी ने न्यायिक जांच की मांग की है।
विधायकों की समिति गठित : प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष व संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने मामले की पड़ताल के लिए कांग्रेस विधायकों की चार सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो वस्तुस्थिति के बारे में पता लगाएगी। समिति में विधायक दिलीप सिंह गुर्जर, महेश परमार, रामलाल मालवीय व मुरली मोरवाल को सदस्य बनाया गया है।
जहरीली शराब का खौफनाक सच- इसे पीने वाला हो सकता है पागल, किडनी, लीवर सहित शरीर के अन्य अंगाें को भी करता है डैमेज
जहरीली शराब से मृत शवाें का पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. जितेंद्र शर्मा ने बताया इस शराब को लंबे समय तक पीने वाला पागल हो सकता है। मानव शरीर के 9 प्रमुख तंत्र है। ऐसी शराब लीवर, किडनी, दिमाग और भोजन तंत्र को पूरी तरह डैमेज कर देती है। इससे आदमी अंधत्व का भी शिकार हो सकता है। इधर, गुरुवार रात प्रशासनिक व डॉक्टरों की टीम फुटपाथों का जायजा लेने निकली तो जिला अस्पताल के बाहर दाे लोग नशे में धुत्त मिले, जो फुटपाथ पर अचेत पड़े थे। दोनों को अस्पताल भिजवाया। एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी ने बताया कि लगभग 50 लोग ऐसे भी यहां मिले जो अन्य कारणों से यहां सो रहे थे। एक-दो लोग शराब पिए हुए मिले थे, जिन्हें स्वास्थ विभाग की टीम की निगरानी में अस्पताल भिजवाया गया। करीब 30 लोग ऐसे मिले जो हैं तो स्थानीय लेकिन किसी कारणों से यहां सो रहे थे। उन्हें घर जाने की सलाह दी गई है। बाकी लोगों को रैन बसेरों में पहुंचाया गया है।
8 मृतकों की ही हो पाई शिनाख्त
बुधवार को मजदूर और भिक्षावृत्ति करने वाले 7 लोगों की मौत हुई थी। गुरुवार को महाकाल थाना क्षेत्र के नृसिंह घाट, जीवाजीगंज थाना क्षेत्र के गेबी हनुमान की गली और कोतवाली क्षेत्र में पांच लोगों की मौत होना सामने आया। मरने वाले आठ लाेगों की पहचान हो चुकी है, 6 अज्ञात हैं। पोस्टमार्टम के बाद विसरा जब्त कर जांच के लिए सागर भिजवाया गया है।