भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर-चंबल में धुआंधार प्रचार अभियान में कमलनाथ पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने 15 माह तक वल्लभ भवन को दलालों का अड्डा बनाकर रखा। वहां विकास की बातें तो कुछ नहीं हुई, सिर्फ लेन-देन का ही काम चलता रहा।
कांग्रेस सरकार ने प्रदेश की जनता को धोखा देने का काम पहले दिन से ही शुरू कर दिया था। यह धोखा मुख्यमंत्री के रूप में जनता को मिला। मुख्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को बनना था, लेकिन कांग्रेस ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री की कुर्सी दे दी। इसके बाद दूसरा धोखा किसान कर्जमाफी का मिला, जो आज तक नहीं हुई। इसके बाद तो धोखे पर धोखे ही मिलते रहे। कांग्रेस सरकार विनाश करने के लिए आई थी और उन्होंने हमारे विकास को भी विनाश में बदल दिया।
चौहान ने कहा कि 'कमलनाथ ने 15 माह तक वल्लभ भवन को दलालों का अड्डा बनाकर रखा। वहां पर विकास की बातें तो कुछ नहीं हुई, सिर्फ लेन-देन का ही काम चलता रहा। उन्होंने कहा कि जब 2018 विधानसभा चुनाव के नतीजे आए तो हमने तो मान लिया कि पांच साल तक कांग्रेस की सरकार रहेगी, इसलिए हमने झोला उठाया और लड़ने के लिए निकल पड़े। निर्दलीय साथियों सहित कई लोगों ने कहा कि कम सीट का ही अंतर है, लेकिन हमने भी तय कर लिया था कि जीतकर ही सरकार बनाएंगे और अपने वादे पर अड़े रहे।
किसान की ब्याज की गठरी मामा उतरेगा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ सरकार के कारण जिन किसानों के सिर पर ब्याज की गठरी रखी है कि उसे उनका मामा उतरेगा। किसान चिंता नहीं करें। कांग्रेस की कर्जमाफी की वादाखिलाफी के कारण किसान डिफाल्टर हो गए हैं, उन पर बैंकों का कर्ज चढ़ गया है, लेकिन इस कर्ज के ब्याज को उनका मामा भरेगा। उन्होंने कहा कि कमलनाथ 55 हजार करोड़ की कर्जमाफी लेकर आए थे, जो बाद में 6 हजार करोड़ पर आ गई और इसमें से भी हुई कुछ नहीं। इनके 800 करोड़ रुपए बैंकों को हमने दिए।
कांग्रेस के उद्योगपति परेशान हैं
शिवराज ने कहा कि 'अब कांग्रेस के उद्योगपति परेशान हैं। उन्हें मैं रोज सपने में दिखाई देता हूं। ये उद्योगपति कहते हैं कि शिवराज सिंह नालायक है। नारियल लेकर साथ में चलता है। नंगे-भूखे घर से है। मैं विकास के काम करता हूं तो कांग्रेस को पेट में दर्द होता है।'
सीएम शिवराज ने कहा, 'मैं जनता को घुटने टेककर प्रणाम करता हूं तो वे कहते हैं कि शिवराज ने घुटने टेक दिए हैं। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान नंगा-भूखा ही सही, लेकिन अपने प्रदेश की जनता की सेवा में लगा रहता है, उनसे वादाखिलाफी नहीं करता है, उन्हें धोखा नहीं देता है। ये उद्योगपति कहां से आए पता नहीं, लेकिन मैं इस धरती की माटी से जन्मा हूं और अपनी जनता की सेवा में ही अपने प्राण न्यौछावर कर दूंगा।'