उज्जैन। उज्जैन के तीन थाना इलाकों में बुधवार सुबह से गुरुवार सुबह तक 24 घंटे के अंदर 9 मजदूरों की मौत हो गई। बुधवार काे 7 मजदूरोंं की माैत के बाद गुरुवार सुबह नरसिंह घाट क्षेत्र और ढाबा राेड क्षेत्र से भी दाे मजदूराें के शव मिले। मजदूर शराब के आदी थे। कहारवाड़ी क्षेत्र से सस्ती झिंझर (पोटली) शराब खरीदकर पिया करते थे। आशंका है कि ज्यादा शराब पीने से इनकी मौत हो गई। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही इसकी पुष्टि हो सकेगी।
मिली जानकारी अनुसार महाकाल थाना क्षेत्र में गुरुवार सुबह रतन मालवीय निवासी झारड़ा शव नरसिंह घाट और हरदा निवासी राकेश मृत अवस्था में ढाबा राेड से मिला। पुलिस ने शव को पीएम के लिए अस्पताल भिजवाया है। आशंका जताई जा रही है कि इनकी भी जहरीली शराब पीने से माैत हुई है। हालांकि पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत किन कारणों से हुई इस बात की पुष्टि हो पाएगी।
मृतक का सामान बिखरा पड़ा था।
बुधवार को 7 की हुई थी मौत
- बुधवार सुबह 7 बजे छत्री चौक सराय के फुटपाथ पर दो मजदूरों के शव मिले थे। एसआई निरंजन शर्मा के ने बताया कि नागदा निवासी विजय उर्फ कृष्णा (41) और पिपलौदा बागला निवासी शंकरलाल (40) की मौत हो गई। शंकरलाल सैलून पर काम करता था। साथी मजदूरों ने बताया कि दोनों रोजाना शराब पीते थे।
- बेहोशी की हालत में मिले दो अन्य मजदूर दानी गेट निवासी बबलू (40) और छत्री चौक सराय निवासी बद्रीलाल (65) ने इलाज के दौरान पुलिस को बताया कि उन्होंने झिंझर पी थी। इसके बाद से उनके पेट में काफी दर्द होने लगा। शाम को बबलू और बद्रीलाल की भी मौत हो गई।
- शाम 7 बजे माधव गोशाला के पास दिनेश जोशी (45) की लाश मिली। यह मजदूरी नहीं मिलने पर भीख मांगकर भी गुजारा कर लेता था। एएसआई चंद्रभान सिंह ने बताया कि मौत का कारण अभी साफ नहीं है, लेकिन दिनेश भी शराब का आदी था।
- शाम को ही महाकाल थाना क्षेत्र के बेगमबाग निवासी पीर शाह (45) की अस्पताल में मौत हो गई। पीर छत्री चौक पर ठेला लगाता था। उसे परिजन ने सुबह अस्पताल में भर्ती कराया था। वह भी शराब का लती था। इसी तरह छत्री चौक की पार्किंग से 85 साल के बुजुर्ग की लाश मिली। सीएसपी रजनीश कश्यप ने बताया कि फुटपाथ पर रहने वाले कुछ मजदूर बीमार थे।
बुधवार को दुकान के शेड के नीचे मृत मिला था मजदूर।
मजदूर बोले- कहारवाड़ी से खरीदी थी झिंझर
गाेपाल मंदिर क्षेत्र में नशे में धुत्त एक मजदूर ने बताया कि सराय के अधिकांश मजदूर पोटली (झिंझर) पीते हैं। ये लोग कहारवाड़ी से झिंझर लेकर आते हैं, कहारवाड़ी में शंकर और बेबी नाम की महिला पोटली बेचती है। 20, 30 और 50 रुपए की पोटली भी मिलती है। वैन में रखकर भी एक व्यक्ति यहां शराब बेचता है।
डॉक्टर बोले- इस तरह अचानक किसी की मौत नहीं होती
सिविल हॉस्पिटल के डाॅ.जितेंद्र शर्मा ने बताया कि उन्होंने चार मजदूरों के शव का पीएम किया है। एकदम से ऐसे किसी की मौत नहीं होती। मजदूर लंबे समय से शराब पीते आ रहे थे। पुलिस से भी यह मालूम पड़ा कि ये लोग आदतन शराबी थे। मजदूरों की मौत का स्पष्ट कारण ताे बिसरा रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा।