8 करोड़ का मेकअप व ड्रेसेस कारोबार रुका ; 35 प्रशिक्षक, 150 कलाकार, 30 डीजे संचालक, 150 संगीतकार भी हुए बेरोजगार

Posted By: Himmat Jaithwar
10/14/2020

उज्जैन। नवरात्रि में गरबाें को अनुमति नहीं देने के कारण शहर में 8 करोड़ का व्यापार प्रभावित होगा। दुकानदारों ने कारोबारी खरीदी नहीं की है। थोक विक्रेताओं के यहां मेकअप के सामान की डिमांड नहीं है। पार्लर खाली पड़े हैं। ड्रेसेस बेचने वालों ने भी नया स्टॉक नहीं मंगाया है। इधर आयोजन से जुड़े नृत्य, संगीत, लोक संस्कृति के 500 से ज्यादा कलाकारों को काम नहीं मिल पाया।

कोरोना ने नवरात्रि से बाजार में आने वाली रौनक भी छीन ली है। शासन ने कोरोना की गाइड लाइन में गरबा उत्सवों पर रोक लगा दी है। सांस्कृतिक आयोजनों की परमिशन भी कई प्रतिबंधों के साथ दी जाएगी। ऐसे में शहर के गरबा उत्सव आयोजित करने वाले संगठन केवल देवी प्रतिमा स्थापित कर नवरात्रि मनाने की स्थिति में आ गए हैं।

किराए की दुकानों में चल रहे पार्लर बंद हो गए
लॉकडाउन के महीनों में पार्लर खुले नहीं। छूट मिली तो ग्राहक नहीं हैं। ऐसे में किराए की दुकानों में चल रहे पार्लर बंद ही हो गए। जिनकी अपनी निजी दुकानें हैं या घरों में पार्लर चला रहे हैं, वे भी बेकाम बैठे हैं। मेकअप का सामान बेचने वाले थोक विक्रेता राधामोहन नीमा कहते हैं कास्मेटिक कारोबार ठप पड़ा है। शहर में 350 पार्लर हैं। नवरात्रि से दीपावली तक 3 करोड़ रुपए का कारोबार बाजार में होता था। इस बार 25 लाख तक भी पहुंच जाए तो बहुत है।

न ड्रेस बिक रही न किराए पर लेने वाले आ रहे
लखेरवाड़ी के ड्रेस और आभूषण किराए पर देने वाले व्यवसायी जगदीश गुलाटी कहते हैं नवरात्रि और वैवाहिक सीजन में 30 से 40 लाख का कारोबार बाजार में होता है। गरबे नहीं हो रहे तो ग्राहक भी नहीं है। विवाह भी कम है। नवरात्रि की ड्रेसेस बेचने वाले हरीश पोद्दार कहते हैं जब आयोजन नहीं हो रहे तो बिक्री कहां से होगी। नवरात्रि की ड्रेसेस बेचने वाले 5 प्रमुख प्रतिष्ठान हैं। ड्रेसेस बिक्री का कारोबार 10 से 15 लाख तक हो जाता है।

सबसे ज्यादा नुकसान होगा कलाकारों का
नृत्यु गुरु पलक पटवर्धन कहती हैं नवरात्रि में उत्सव नहीं होने का ज्यादा नुकसान तो कलाकारों काे हुआ है। नृत्य सिखाने वाले 35 मास्टर्स, 150 नृत्य कलाकार, 150 संगीतज्ञ, 200 लोक कलाकार खाली हैं। लॉकडाउन में कई कलाकार दूसरे काम में लग गए हैं। साउंड सिस्टम, ढोल, पंडाल वालों को भी काम नहीं मिला है। सीए संजय अग्रवाल बताते हैं नवरात्रि में ओवरआल आयोजन खर्च का 5 करोड़ का सर्विस कारोबार होता है, जो ठप हो गया है।



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