इंदौर। "हम दोनों मूक बधिर बच्चों को सामान्य बच्चों के साथ पढ़ने का अधिकार दिलाने और दिव्यांग बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। इन्हीं प्रयासों को देखते हुए कौन करोड़पति के कर्मवीर एपिसोड में हमें बुलाया गया।'
माेनिका और उनके पति ज्ञानेंद्र पुराेहित आनंद सर्विस सोसायटी चलाते हैं जो बधिरों के लिए काम करती है। वे बोलीं हमने उन्हें सनी कचेर की कहानी सुनाते हुए समझाया कि हम क्या काम कर रहे हैं। सनी मूक बधिर है। उसने कहा कि उसे सामान्य बच्चों की तरह पढ़ना है। मैंने प्रिंसिपल से कहा - मैं और मेरी पत्नी उसके शैडो टीचर बनेंगे। हम टीचर की बात सनी को साइन लैग्वेंज में सिखाएंगे। इस तरह पढ़ सनी ने क्लास में टॉप किया।
दिव्यांगों के लिए बच्चन बोले...
ये उनका दुर्भाग्य नहीं है कि वे सुन-बोल नहीं सकते, बल्कि ये हमारा दुर्भाग्य कि हम उनके आसपास होते हुए भी इनकी मूक-बधिरता को देख नहीं सकते। उनके दर्द को महसूस नहीं कर पाते। उनकी ज़रूरतों खुशियों परेशानियों और सपनों को शायद अब तक हम समझ नहीं पाए... पर अब समझेंगे...।
जो सुन-बोल नहीं सकते उन बच्चों के शैडो टीचर बनकर उन्हें साक्षर बना रहे
अमिताभ ने पूछा कि इन बच्चों के साथ यौन शोषण की घटनाएं भी होती होंगी। तब मोनिका ने उन्हें बताया कि इंदौर के करीब एक गांव में एक किशोरी के साथ उसी के रिश्तेदार ने दुष्कर्म किया। परिजन उसकी बात समझ नहीं पा रहे थे। फिर ज्ञानेंद्र ने उसे मेल फीमेल गुड़िया दी और उसने तुरंत सब बता दिया।
22 राज्यों से बधिरों के निवेदन आए : जैसे ही देश में लॉकडाउन लगा, हमने सोशल मीडिया पर एक चैनल बनाया। एक लड़के का वीडियो आया जिसमें वो बता रहा था कि उसने 3 दिन से खाना नहीं खाया है। उस तक मदद पहुंचाने के बाद 22 राज्यों से कॉल आने लगे। सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो देख ही केबीसी की टीम ने कॉल किया और डॉक्यूमेंट्री बनाकर हमारा पूरा काम और मकसद बताया।