दिग्गज टेक कंपनी गूगल के ऊपर अपनी पोजिशन का गलत फायदा उठाने का आरोप लगा है। इसमें कहा गया है कि गूगल अपनी मजबूत एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम स्थिति का दुरुपयोग कर रही है। इससे भारत का स्मार्ट टीवी मार्केट प्रभावित हो रहा है। इससे पहले भी गूगल पर उसकी नीतियों पर सवाल खड़ा किया चुका है।
क्या है एंटीट्रस्ट मामला ?
एंटीट्रस्ट मामलों के दो भारतीय वकील क्षितिज आर्य और पुरुषोत्तम आनंद ने गूगल पर यह केस दायर किया है। दोनों ने गूगल के खिलाफ स्मार्ट टीवी मार्केट में कथित दुर्व्यवहार के लिए मामला दर्ज कराया है। रॉयटर्स के मुताबिक सीसीआई ने आरोपों पर गूगल से लिखित जवाब मांगा है, जिस पर गूगल ने समय मांगा है।
एंटीट्रस्ट मामले में गूगल पर आरोप लगा है कि वो शाओमी और टीवी बनाने वाली कंपनी टीसीएल इंडिया के साथ गूगल अपने एग्रीमेंट के जरिए उन्हें एंड्रॉयड सिस्टम और इसके मॉडिफाइड वर्जन दोनों का यूज करने से रोक रहा है। शाओमी और टीसीएल इंडिया, दोनों चीन की कंपनी टीसीएल टेक. ग्रुप कॉर्प. का हिस्सा हैं।
सीसीआई के पास है मामला
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) जून से गूगल पर लगे आरोप की जांच कर रहा है। इसमें गूगल पर आरोप लगा है कि वो मॉडिफाइड स्मार्ट टीवी के उपयोग और उससे संबंधित डेवलपमेंट करने वाली कंपनियों जैसे अमेजन फायर टीवी के ऑपरेटिंग सिस्टम को प्रभावित कर रहा है।
अन्य भारतीय मामलों की तरह ही इस केस की फाइलिंग और डिटेल सीसीआई ने सार्वजनिक नहीं किया है। रॉयटर्स के मुताबिक मामले में ठोस सबूत मिलने पर गूगल की बड़ी जांच हो सकती है। दरअसल, भारत में बढ़ते इंटरनेट यूजर्स के चलते स्मार्ट टीवी, ऐप जैसे नेटफ्लिक्स और और यूट्यूब काफी फेमस हुए हैं। ऐसे में स्मार्ट टीवी मार्केट में कॉम्पिटिशन भी बढ़ा है। डेटा के मुताबिक 2019 में 8 लाख स्मार्ट टीवी की बिक्री हुई थी, जिसमें से प्रत्येक 5 स्मार्ट टीवी में से 3 गूगल एंड्रॉयड बेस्ड टीवी थी।
पहले भी लग चुका है आरोप
गूगल पर इस आरोप से कंपनी के भारतीय कारोबार पर असर पड़ सकता है। हाल ही में पेटीएम के साथ विवाद के चलते गूगल पर आरोप लगे थे कि कंपनी भारतीय डिजिटल इकोसिस्टम को प्रभावित कर रहा है। इससे पहले 2018 में सीसीआई ने गूगल पर 'बायस सर्च' मामले में 135 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा चुका है।
गूगल पर ऐसे आरोप अमेरिका में लग चुके हैं। इसके अलावा कंपनी को चीन में भी एक संभावित एंटीट्रस्ट जांच का सामना करना पड़ा है। जो दिखाता है कि गूगल अपनी एंड्रॉयड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के लीडरशिप को कैसे यूज करती है। हालांकि, गूगल ने इन सभी आरोपों से नकार दिया है।