खुदकुशी करने वाले बड़े भाई प्रवीण ने बनाई थी कुंडली; लिखा- जातक कितना भी प्रयास कर लें हर कंडीशन में आत्महत्या का योग बन रहा

Posted By: Himmat Jaithwar
10/13/2020

उज्जैन। उज्जैन में दो भाईयों की सुसाइड के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। सुसाइड में कुंडली कलेक्शन सामने आया है। सोमवार को सुसाइड करने वाले पीयूष चौहान के बड़े भाई प्रवीण चौहान ने अपनी एक कुंडली बनाई थी। प्रवीण चौहान ने उसमें लिखा कि जातक कितना भी प्रयास कर लें, हर कंडीशन में खराब पत्रिका में आत्महत्या का योग बन रहा है।

प्रवीण ने कुंडली के अलावा जो सुसाइड नोट छोड़ा है, उसमें लिखा था कि मैंने सूदखोरों के नाम लिखकर रख रखें हैं, जो बाद में काम आएंगे। इस आधार पर पुलिस ने साईं धाम कालोनी में मृतक प्रवीण के ज्योतिष केंद्र में छानबीन की और नामों की सूची तलाशी, लेकिन वहां पर कुछ नहीं मिला है।

फिलहाल, पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। बता दें कि सोमवार को छोटे भाई पीयूष ने भी नृसिंहघाट में उसी जगह से शिप्रा में छलांग लगाकर सुसाइड कर लिया। महाकाल टीआई अरविंद सिंह तोमर ने बताया कि सुसाइड नोट के आधार पर हमने प्रवीण के ज्योतिष केंद्र की छानबीन की थी, लेकिन हमें सूदखोरी के संबंध में किसी का भी नाम नहीं मिला है। उन्होंने अंकित राठौर के बारे में लिखा है, उसे तलाश कर रहे हैं। उससे प्रवीण के बारे में पूछताछ की जाएगी।

प्रवीण चौहान की कुंडली, जो आत्महत्या का इशारा कर रही है।
प्रवीण चौहान की कुंडली, जो आत्महत्या का इशारा कर रही है।

पीयूष के बड़े भाई प्रवीण चौहान ने अपनी कुंडली में लिखा कि 'जातक कितना भी प्रयास कर ले हर कंडीशन में खराब पत्रिका आत्महत्या का योग बन रहा है। उन्होंने ग्रहों की दशा भी लग्नेश से लेकर 12वें भाव तक में ग्रहों की महादशा बताई थी। प्रवीण ने लिखा, लग्नेश दूषित है, द्वितीय धना भाव का स्वामी, तीसरे स्थान पर विरोधी गृह, चतुर्थ स्थान पर पर विष योग, पंचम में बुध ज्योतिष, छठे स्थान में राहु, सातवें का स्वामी शत्रु के साथ, अष्टम अपने स्थान से सातवें स्थान, नवमेश यानि नवम अपने स्थान से सप्तम में शत्रु के साथ। दशम पर दुष्ट ग्रह शत्रु, एकादश में विष योग। 12 वें में केतु ऑलरेडी है। प्रवीण ने आखिर में लिखा कि 'अब क्या बचा है, नथिंग। अध्याय समाप्त। इसके बाद आखिर में जय श्री महाकाल।

सुसाइड नोट में प्रवीण ने क्या लिखा

प्रवीण चौहान ने अपने दो पन्नों के सुसाइड नोट में लिखा कि 'मैं कर्ज और बीमारी जो कि शायद अब कैंसर में बदल चुकी है, उसकी वजह से आत्महत्या कर रहा हूं। मेरे ऊपर बहुत कर्जा है, जो मेरा पर्सनल है। घरवालों का इसमें कोई लेना देना नहीं है। मैंने बहुत ऊंचे ब्याज पर कर्ज चुकाया है। फिर भी लोग मूलधन वहीं का वहीं कह कर मुझे प्रताड़ित करते हैं। कई लोगों के पास मेरे खाली चेक भी हैं। जिनका हवाला देकर लोग धमकाते हैं। अगर पैसों के लिए किसी ने मेरे घरवालों को परेशान किया तो वही मेरी आत्महत्या का जिम्मेदार होगा। मैंने सब लोगों के नाम भी लिख कर रख रखे हैं। समय आने पर वह काम आएंगे।

प्रवीण ने कहा- परिवार से बहुत प्यार करता हूं

प्रवीन ने आगे लिखा, 'दुकान में सिर्फ मेरा लाइसेंस लगा है, दुकान का मालिक से आरिफ का इससे कोई लेना-देना नहीं है। कृपया उसे परेशान ना किया जाए। ना ही घरवालों को परेशान किया जाए। मैं अपने दोनों बच्चियों पति-पत्नी और पिता और भाई से बहुत प्यार करता हूं। मेरी मजबूरी है मुझे आप लोगों को माफ कर देना। मेरे बाद पीयूष, टिंकू मींकू प्लीज इन सब का ख्याल ध्यान रखना। आप लोगों के भरोसे बिना आपने बिना आपसे पूछे इन लोगों को छोड़कर जा रहा हूं। पूरे परिवार को तो दोस्तों को बहुत सहयोग मिला, पर मैं मजबूर हूं। बहुत अधिक कर्जा हो गया है।'

प्रवीण चौहान के दो पन्नों के सुसाइड नोट का आखिरी पन्ना, जिसमें उसने कहा कि मेरे परिवार को परेशान न किया जाए।
प्रवीण चौहान के दो पन्नों के सुसाइड नोट का आखिरी पन्ना, जिसमें उसने कहा कि मेरे परिवार को परेशान न किया जाए।

मेरा कोई श्राद्ध कर्म न करना

प्रवीण ने लिखा कि कर्ज की सबसे बड़ी वजह प्लॉट वाला मैटर है। मैंने गलत जगह प्लॉट लेकर अपने पूरे घर वालों को मुसीबत में डाल दिया, लेकिन प्लॉट वाले की भी कोई गलती नहीं है। अंकित राठौर उसको माफ कर देना। बेचारा वह भी उलझ गया है। ऑनलाइन बैंक और कर्जे वालों का बहुत ही ज्यादा दबाव प्रताड़ना है। गिरधर मेडिकल और राजेश सबलोक के चक्कर में भी मैंने बहुत ज्यादा किया है। मजबूरी में आत्महत्या कर रहा हूं। मेरी बॉडी को घर लेकर नहीं जाना और मशीन में ही दाह संस्कार करें। मेरा उठावना, दशवां, 12वां, पूजा-पाठ और श्राद्ध कर्म कुछ भी ना किया जाए। आखिर में मैंने ब्याज का भूल से डबल पेमेंट में दे दिया है।

ये था मामला

उज्जैन में कर्ज और सूदखोरों की प्रताड़ना से तंग आकर तीन दिन के अंदर दो भाइयों ने शिप्रा नदी में कूदकर सुसाइड कर ली। सोमवार को सुबह दवा व्यवसायी पीयूष चौहान ने नृसिंह घाट पर ब्रिज से उसी जगह से छलांग लगाई, जहां से 2 दिन पहले बड़ा भाई प्रवीण कूद गया था। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और दोपहर साढ़े 12 बजे पीयूष का शव नदी से निकाला गया। इससे पहले शनिवार को पीयूष के बड़े भाई प्रवीण चौहान ने भी सुसाइड की थी। परिजन की मानें तो सुबह पीयूष घर से यह कहकर निकला था कि वह भाई प्रवीण को फूल चढ़ाने जा रहा है। बाद में सूचना मिली कि पीयूष भी नदी में कूद गया।



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