सांवेर विधानसभा क्षेत्र -211 में भाजपा और कांग्रेस के बीच चुनावी जंग तेज हो गई है। मंत्री तुलसी सिलावट को इस बार कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू चुनौती दे रहे हैं। राेचक बात यह है कि दोनों ही नेता सांवेर से ही कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने। सांवेर में 1970 के एक उपचुनाव सहित अब तक 14 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। 1962 में हुए पहले चुनाव से 2018 में हुए विस चुनाव में अब तक 98 उम्मीदवारों ने यहां से अपनी किस्मत आजमाई है। यहां से अब तक सबसे ज्यादा 7 बार कांग्रेस, 5 बार भाजपा, एक बार जनसंघ और एक बार जनता पार्टी का उम्मीदवार जीता है। सिलावट सांवेर से तीन बार तो गुड्डू ने 1998 में यहीं से विधायकी का चुनाव जीता था।
भाजपा के प्रकाश सोनकर 4 बार सांवेर से विधायक रहे।
अब तक इन्होंने मारी बाजी ये रहे दूसरे नंबर पर
- 1962 में पहली बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सज्जनसिंह विश्नार ने 10 हजार 825 मत प्राप्त कर जीत हासिल की। उन्होंने दूसरे नंबर पर रहे जनसंघ के शीतलदास गरीबदास को पराजित किया था। शीतलदास को 3 हजार 924 मत मिले थे। इस चुनाव में 4 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई थी।
- 1967 में हुए चुनाव में जनसंघ के बाबूलाल कालूजी ने 13 हजार 344 वोट हासिल कर विजय श्री पाई थी। कांग्रेस के सज्जनसिंह विश्नार को तब 12 हजार 810 मत मिले थे। इस बार 3 प्रत्याशी मैदान में थे।
- 1970 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के सज्जनसिंह विश्नार ने एक बार फिर से जीत हासिल की। उन्हें 17 हजार 299 मत मिले, जबकि जनसंघ के बाबू गोविंद 17 हजार 272 मत प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में 4 प्रत्याशियों ने भाग आजमाइश की।
- 1972 के चुनाव में कांग्रेस के राधाकिशन मालवीय ने 15 हजार 667 मत प्राप्त कर विजय पाई। दूसरे नंबर पर रहे भाजसं के हरिराम रघुनाथ को 13 हजार 411 मत मिले। इस चुनाव में 3 लोग मैदान में थे।
- 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के अर्जुनसिंह धारू 17 हजार 639 वोट पाकर जीते। इंका के राधाकिशन मालवीय को 15 हजार 322 वोट मिले थे। इस बार भी 4 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे
- 1980 के चुनाव में भाजपा के प्रकाश सोनकर 22 हजार 863 वोट के साथ जीते। दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के राधाकिशन मालवीय को 19 हजार 919 मत मिले। इस बार 4 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे
- 1985 में कांग्रेस के तुलसीराम सिलावट को 30 हजार 516 वोट मिले। जबकि भाजपा के प्रकाश सोनकर 26 हजार 972 मत प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे। इस बार मैदान में 8 प्रत्याशी थे।
- 1990 में भाजपा के प्रकाश सोनकर ने सिलावट को पराजित किया। सोनकर को 39 हजार 591 मत मिले, जबकि सिलावट को 31 हजार 685 लोगों ने वोट किया। इस बार 9 प्रत्याशियों ने अपना भाग्य आजमाया
- 1993 में भाजपा के प्रकाश सोनकर एक बार फिर जीते। उन्हें 42 हजार 342 मत मिले। जबकि कांग्रेस के तुलसी सिलावट को 42 हजार 208 मत प्राप्त हुए। इस बार 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे
- 1998 में कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू ने भाजपा के प्रकाश सोनकर को पराजित किया। गुड्डू को 47 हजार 865 वोट मिले। जबकि सोनकर को 44 हजार 421 मत प्राप्त हुए। इस बार 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे।
- 2003 में भाजपा के प्रकाश सोनकर ने कांग्रेस के राजेंद्र मालवीय को पराजित किया। सोनकर को 65 हजार 401 मत प्राप्त हुए, जबकि राजेन्द्र मालवीय 45 हजार 764 मत प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे। इस बार भी 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे।
- 2008 के चुनाव में कांग्रेस के तुलसी सिलावट ने भाजपा की निशा सोनकर को पराजित किया। सिलावट को 58 हजार 812 मत, जबकि सोनकर को 55 हजार 395 मत प्राप्त हुए। इस बार 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे।
- 2013 में भाजपा के राजेश सोनकर को 87 हजार 292 मत मिले। जबकि कांग्रेस के तुलसीराम सिलावट 69 हजार 709 मत प्राप्त हुए। इस बार 7 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे।
- 2018 के चुनाव में कांग्रेस के तुलसीराम सिलावट 96 हजार 535 मत प्राप्त कर विजयी हुए। भाजपा के राजेश सोनकर को 93 हजार 590 मत प्राप्त हुए थे। इस बार 9 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे।