हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने मानव तस्करी का खुलासा किया है। दिल्ली में काम दिलाने का झांसा देकर 12 नाबालिग लड़कियों को हाथरस में एक कमरे में तीन दिनों तक बंधक बनाया गया। आरोप है कि उन्हें बेचने के लिए एमपी से यहां लाया गया था। शनिवार रात एक लड़की रोते हुए रोडवेज बस स्टैंड पर मिली, जिसके बाद यह प्रकरण सामने आया। आरोप है कि तीन दिनों तक लड़कियों को भूखे प्यासे रखा गया। पुलिस ने सभी लड़कियों को बरामद कर लिया है।
बस स्टैंड पहुंची थीं लड़कियां
पुलिस अधीक्षक विनीत जैसवाल ने बताया कि शनिवार देर रात थाना कोतवाली पुलिस को सूचना मिली तो पुलिस तत्काल बस स्टैंड पर पहुंची और लड़की से बात की गई। लड़की ने बताया कि उसकी उम्र साढ़े 17 साल है। वह मध्य प्रदेश के जिला मंडला के ग्राम तोगल की रहने वाली है। यह भी बताया कि एक सप्ताह पूर्व उसके परिजनों की सहमति से गांव की करीब 12 लड़कियों को एक व्यक्ति दिल्ली ले जा रहा था। यहां सिलाई-कढ़ाई का काम सिखाने की बात कहकर तीन दिन पूर्व बस स्टैंड के पास कमरा किराए पर लेकर रखा गया था।
परिजनों को हाथरस बुलाया गया
लड़कियों को उस व्यक्ति पर शक हुआ तो सभी वहां से भाग निकलीं। इनके परिजनों से सम्पर्क किया गया है। एक लड़की के पिता एमपी में रोडवेज में ड्राइवर हैं। उनसे संपर्क किया गया था तो उन्होंने भी ये ही बताई है। परिजनों को यहां बुला लिया गया है और सीओ सिटी द्वारा जांच की जा रही है। आरोपी को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।