हांसी। हरियाणा में एक कारोबारी ने 1.60 करोड़ रुपए बीमा की रकम हड़पने और कर्जदारों से छुटकारा पाने के लिए अपनी मौत की झूठी कहानी रची। इस ड्रामे की शुरुआत मंगलवार रात से शुरू हुई। हिसार जिले के हांसी में जली हुई कार में राममेहर नाम के कारोबारी का शव मिला था। परिजन ने पुलिस को बताया कि राममेहर ने आखिरी वक्त में कॉल करके कहा था, ‘जल्दी आ जाओ, मेरी जान खतरे में है...दो बाइकों पर सवार लोग मुझे मार डालेंगे...।’ इसके बाद परिजन ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पुलिस और परिजन पहुंचे तो कार में कंकाल बन चुका शव मिला। अगले दिन अखबारों में खबरें छपी कf राममेहर से 11 लाख रुपए लूटकर कार समेत जिंदा जला डाला।
लेकिन, शुक्रवार तक यह कहानी पूरी तरह से पलट गई। राममेहर जिंदा है। वारदात के 65 घंटे बाद 1300 किमी दूर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में जिंदा मिला। पुलिस टीम उसे गिरफ्तार कर हांसी ले आई। खुद की मौत के ड्रामे का खुलासा हुआ तो हर कोई चौंक गया। दरअसल, कारोबारी की कॉल डिटेल की जांच में पुलिस को उसकी एक महिला मित्र का पता चला। उसी से पूछताछ के बाद पुलिस कारोबारी को ट्रेस करने में कामयाब हुई। जांच में सामने आया कि डाटा गांव निवासी डिस्पोजल फैक्ट्री संचालक राममेहर ने कुछ समय पहले 1.60 करोड़ की दो बीमा पॉलिसी करवाई थीं।
राममेहर को पुलिस ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से गिरफ्तार किया है।
पुलिस बोली- राममेहर ने नाटक रचा
हिसार रेंज के आईजी संजय कुमार ने बताया कि बीमा की रकम हड़पने और कर्जदारों से छुटकारा पाने के लिए राममेहर ने यह नाटक रचा। पुलिस जांच कर रही है कि कार में जला मिला शख्स कौन था? आशंका है कि लूट और हत्या का ड्रामा रचने के लिए कारोबारी ने रोहतक से करीब डेढ़ लाख रुपए में कोरोना मरीज का शव खरीदा था। इसे ड्राइवर की बगल वाली सीट पर रखकर कार में केमिकल छिड़ककर आग लगा दी।
हालांकि, शव खरीदने के दावे की अभी पुलिस ने पुष्टि नहीं की है। आईजी ने कहा कि इस तरह की चर्चा उनके सामने भी आई है लेकिन सच्चाई राममेहर से पूछताछ के बाद ही सामने आएगी। यह भी आशंका है कि राममेहर ने किसी की हत्या के बाद शव जलाया हो। बिलासपुर एसपी प्रशांत अग्रवाल के अनुसार, राममेहर का एक पुराना मजदूर यहां रहता है। उसने (राममेहर ने) बताया था कि वह बिलासपुर में जमीन खरीदने आया है।
सीन ऑफ क्राइम एक्सपर्ट ने पहली नजर में ही ड्रामा बता दिया था
- फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. अजय के नेतृत्व में वारदात स्थल की जांच हुई थी। सीन रीक्रिएट करते हुए डॉ. अजय ने हांसी पुलिस को पहले ही बता दिया था कि कहानी में ड्रामा ज्यादा लग रहा है। वारदात स्थल पर गाड़ी की हैंड ब्रेक लगी मिली थी। यह तभी संभव है जब कोई गाड़ी को पार्क करेगा।
- जहां गाड़ी जली मिली थी वह सड़क के बीच में होने की बजाय किनारे खड़ी थी। आसपास किसी अन्य कार व बाइक के टायर के निशान नहीं मिले थे। अगर किसी को अपने साथ अनहोनी का खतरा है तो वह गाड़ी को सड़क किनारे खड़ा नहीं करेगा और हैंड ब्रेक तो बिल्कुल नहीं लगाएगा।
- परिचालक सीट पीछे की ओर झुकी हुई थी जिस पर जला शव मिला था। इससे प्रतीत हो गया था कि साजिश कहीं और रची गई थी लेकिन अंजाम कहीं और दिया गया था। यह भी अंदेशा जताया था कि अमूमन इस तरह के जघन्य अपराध में अवैध संबंध, इंश्योरेंस राशि क्लेम या अन्य किसी निजी स्वार्थ के लिए खुद को मरा साबित करने के लिए भी मास्टर प्लान बनाया जा सकता है।
- कार को अंदर और बाहर से एक साथ केमिकल डालकर जलाया गया था, न कि कार में आग फैली थी। ये तमाम सबूत बयां कर रहे थे कि जो दिख रहा है, वह असल में कुछ और है। हांसी पुलिस ने सीन ऑफ क्राइम यूनिट की जांच और संभावना पर काम किया और राममेहर को धर दबोचा।
वारदात स्थल के पास मिली थी नए नंबर की लोकेशन
साइबर सेल की मदद से व्यापारी राममेहर की कॉल डिटेल्स खंगाली गई थी। इस दौरान एक महिला मित्र का नंबर ट्रेस हुआ था। वारदात से लेकर पहले छह दिन तक उस नंबर से व्यापारी के फोन पर कम बात हुई थी, लेकिन अचानक एक नए नंबर पर ज्यादा बातें होने लगी थी। इस नए नंबर की कॉल डिटेल्स खंगाली तो इसकी लोकेशन भी वारदात स्थल के पास मिली थी, जहां व्यापारी के फोन की लोकेशन आई थी। तब पुलिस ने महिला को काबू करके पूछताछ कि तो उसने सच्चाई उगल दी। इसके बाद राममेहर तक पुलिस पहुंची।