इंदौर। बांग्लादेश से युवतियों को अवैध तरीके से बार्डर पार करवा कर भारत में देह व्यापार के लिए लाने वाले गिरोह से जुड़े फरार सरगना सागर जैन और उसका भाई धर्मेंद्र जैन प्रतिबंधित सिंथेटिक ड्रग्स के सरगना निकले हैं। पुलिस को पता चला है कि शहर के पूर्वी इलाके में इन्हीं के द्वारा भारी मात्रा में सिंथेटिक ड्रग्स बेची गई है। इनके एक साथी को क्राइम ब्रांच की टीम ने 19 ग्राम एमडी ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया है। जिस कार में इनका साथी यह ड्रग्स लेकर आया था वह भी धर्मेंद्र जैन के नाम पर रजिस्टर्ड है।
पुलिस ने इनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में एक और केस दर्ज किया है। अब अफसर जल्द ही इन पर इनाम घोषित करने वाले हैं। एएसपी क्राइम ब्रांच गुरु प्रसाद पाराशर के अनुसार युवतियों को कांट्रेक्ट पर स्पा सेंटर्स व मसाज पार्लर के अलावा अन्य शहरों में देह व्यापार के लिए भेजने वाले रैकेट में पकड़ाए आरोपियों से जानकारी मिली थी कि इन लड़कियों को अधिक से अधिक धंधा लाने के लिए एमडी ड्रग्स भी दी जाती थी। हजारों रुपए ग्राम में मिलने वाली इस प्रतिबंधित सिंथेटिक ड्रग्स को आरोपियों का एक संगठित गिरोह शहर में आसानी से उपलब्ध करवा रहा था। इस गिरोह का संचालन बांग्लादेशी लड़कियों की तस्कर में आरोपी बने सागर जैन और धर्मेंद्र जैन द्वारा संचालित किया जा रहा है।
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
फिलहाल मानव तस्करी के केस में ये फरार हैं। इनकी तलाश की जा रही थी। इसी दौरान विजय नगर पुलिस द्वारा पूर्व में की गई कार्रवाई में टीम ने आरोपी नीरज ठाकुर और बंगाली चौराहे से पलक नामक युवती को पकड़ा था। इनके द्वारा भी एमडी ड्रग्स लड़कियों को देने की बातें सामने आई थी। विजय नगर टीआई तहजीब काजी की टीम ने इन दोनों आरोपियों को पकड़ा तो इनसे पता चला कि सागर और धर्मेंद्र द्वारा शहर में एमडी ड्रग्स उपलब्ध कराई जाती है। ये ड्रग्स पब और बारों में ‘म्याऊं-म्याऊं’ के नाम से चर्चित है। इसे शहर के कई हाईप्रोफाइल गिरोह के युवा (लड़के-लड़कियां) उत्तेजना वाली मदहोशी के लिए लेते हैं।
धर्मेंद्र की कार में आया था ड्रग देने
क्राइम ब्रांच एएसपी पाराशर ने बताया कि शुक्रवार को इस रैकेट के गिरोह के सरगना की धरपकड़ के लिए इन्हीं से जुड़े कुछ आरोपियों से एमडी ड्रग्स का ग्राहक बनकर संपर्क किया गया। तो आरोपी धर्मेंद्र जैन का ड्राइवर अनिल (37) पिता नारायणपुरी निवासी जाटवाड़ी सारंगपुर (पीथमपुर) 19 ग्राम एमडी ड्रग्स लेकर कार से डिलीवरी देने आ गया। इसे हिरासत में लिया तो इसके पास मिली कार (एमपी 09 सीटी 5471) धर्मेंद्र जैन के नाम पर मिली। उसे भी जब्त किया है। आरोपी की निशानदेही पर गिरोह के सरगनाओं की तलाश की जा रही है। 1 ग्राम ड्रग्स ये 5 से 7 हजार रुपए में देते हैं। देह व्यापार के लिए आने वाले ग्राहकों को ये इसके नशे की लत लगा चुके हैं। वहीं कई युवतियां जो इस व्यापार में लिप्त हैं उन्हें ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए भी ये ड्रग्स दी जाती है।
डीआरआई इंदौर ने भोपाल में साढ़े तीन करोड़ का 1733 किलो गांजे से भरा ट्रक पकड़ा, 1 गिरफ्तार
डीआरआई (डायरेक्टोरेट ऑफ रिवेन्यू) इंदौर और भोपाल ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए भोपाल टोल नाके के पास उप्र के एक ट्रक में बने गुप्त चैंबर से 1733 किलो गांजा पकड़ा है। इसकी कीमत साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है। एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। डीआरआई द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यह ट्रक आंध्रप्रदेश से आ रहा था और उप्र की ओर जा रहा था।
ट्रक में ड्राइवर के पीछे की ओर एक चैंबर बना हुआ था जिसमें 788 पैकेट में यह गांजा रखा हुआ था। एक दिन पहले डीआरआई ने नरसिंहपुर के पास एक कार से छह करोड़ कीमत की 117 किलो हशीश भी पकड़ी थी। इसमें छह लोग भी गिरफ्तार हुए थे और दो कारें भी जब्त की गईं। डीआरआई की इन दोनों कार्रवाई को ड्रग्स के खिलाफ अभी तक की सबसे बड़ी मुहिम बताया जा रहा है।