नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के राज परिवार से आने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी ही पार्टी यानी कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका दिया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ से नाराज चल रहे सिंधिया मंगलवार को बीजेपी के खेमे में पहुंच गए। सिंधिया अपने घर से निकलकर अमित शाह मिलने पहुंचे और उसके बाद शाह के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पहुंच गए, जहां ये बैठक अभी जारी है।
पीएम मोदी से सिंधिया की इस मुलाकात की बीच खबरें ये आ रही हैं कि आज ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। इतना ही नहीं, जिस सम्मान के लिए सिंधिया कांग्रेस में लड़ रहे थे, वो सम्मान उन्हें बीजेपी में दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी राज्यसभा भेज सकती है और इस तरह उन्हें संसद सत्र के बाद कैबिनेट विस्तार कर मोदी सरकार में शामिल किया जा सकता है।
इसका मतलब ये हुआ कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिरना तय है। बीजेपी सूत्रों का इस संदर्भ में कहना है कि कांग्रेस के बागी विधायक विधानसभा अध्यक्ष को आज ही अपने इस्तीफे भेज सकते हैं। ऐसे विधायकों की संख्या 20 हो सकती है। यानी अगर ऐसा होता है तो कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ जाएगी और इसके बाद शिवराज सिंह चौहान सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं।
बीजेपी ने बुलाई संसदीय बोर्ड की बैठक
सिंधिया के पाले में आते ही बीजेपी ने सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। आज बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के साथ बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक भी बुलाई गई है। इस बैठक में मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार बनाने को हरी झंडी दी जाएगी।
विधानसभा का गणित
मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं। यहां 2 विधायकों का निधन हो गया है। इस तरह से विधानसभा की मौजूदा शक्ति 228 हो गई है। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। जबकि सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 115 है। कांग्रेस को 4 निर्दलीय, 2 बहुजन समाज पार्टी और एक समाजवादी पार्टी विधायक का समर्थन हासिल है। इस तरह कांग्रेस के पास कुल 121 विधायकों का समर्थन है। जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं।
लेकिन कहा जा रहा है सिंधिया खेमे के करीब 20 विधायक अपने इस्तीफे दे सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो बीजेपी आसानी से जादुई आंकड़ा हासिल कर सरकार बनाने की स्थिति में आ सकती है।
कमलनाथ का बीजेपी पर हमला
कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि बीजेपी माफिया के सहयोग से सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है। सोमवार रात उन्होंने एक बयान में कहा कि मैंने अपना समूचा सार्वजनिक जीवन जनता की सेवा के लिए समर्पित किया है। मेरे लिए सरकार होने का अर्थ सत्ता की भूख नहीं, जन सेवा का पवित्र उद्देश्य है। पंद्रह वर्षों तक बीजेपी ने सत्ता को सेवा का नहीं, भोग का साधन बनाए रखा था और वो आज भी अनैतिक तरीके से मध्यप्रदेश की सरकार को अस्थिर करना चाहती है।