भोपाल। पहले साढ़े पांच महीने का टैक्स माफ होने के बाद अब बस ऑपरेटर किराए में बढ़ोत्तरी कराने के लिए अड़ गए हैं। ऐसे में उन यात्रियों को ज्यादा समस्या होगी, जो आसपास के छोटे स्थानों से आवाजाही करते हैैं। भोपाल के बस ऑपरेटर्स का कहना है कि जब 100 किमी के सफर पर ही छह हजार रुपए तक का घाटा हो रहा है, तो ऐसे में बसें कैसे चलाएं। यह घाटा भी 60 फीसदी किराया बढ़ने पर ही कवर हो सकेगा।
इधर, किराया न बढ़ने और यात्रियों की कमी के चलते ऑपरेटरों ने भोपाल से इंदौर, जबलपुर, बकतरा, नसरुल्लागंज, होशंगाबाद और सारणी सहित एक दर्जन से ज्यादा विभिन्न रूट पर बसें धीरे-धीरे बंद करना शुरू कर दिया है।
इस बात का खुलासा आरटीओ भोपाल पहुंचे उन आवेदनों से होता है, जिनमें विभिन्न रूट पर चल रही बसों के परमिट सरेंडर करने के लिए के-फॉर्म जमा किए गए हैं। इससे आने वाले दिनों में विभिन्न बस स्टेंडों से चलने वाली बसों की संख्या में खासी कमी आ सकती है। एडीशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर अरविंद सक्सेना का कहना है कि दोनों ही बस एसोसिएशन के अध्यक्षों व पदाधिकारियों से चर्चा हो रही है। इसके बाद भी यदि ऑपरेटर बसें बंद करते हैं, तो उन पर जुर्माने व परमिट सस्पेंड करने की कार्रवाई की जाएगी।
मुश्किल हो गया है बसों का संचालन
डीजल की बढ़ी हुई कीमतों और करीब डेढ़ दर्जन तरीके के खर्चों के कारण बसों का संचालन मुश्किल हो गया है। घाटा होने से एसोसिएशन से संबद्ध ऑपरेटर बसों की संख्या किराया न बढ़ने तक घटा रहे हैं।
- हेमेंद्र कर्नावट, अध्यक्ष, मप्र बस ऑनर्स एसोसिएशन
14 अक्टूबर तक इंतजार करेंगे
टैक्स माफी के बाद तय हुआ था किराए में बढ़ोत्तरी की मांग भी मान ली जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 14 अक्टूबर तक इंतजार कर रहे हैं। यदि किराए में बढ़ोत्तरी के आदेश नहीं किए तो 15 से बस संचालन बंद कर सकते हैं।
- गोविंद शर्मा, अध्यक्ष मप्र प्राइम रूट ऑपरेटर्स एसोसिएशन
मंगलवार को 730 में से 260 बसें ही चलीं जबकि तीन दिन पहले यह संख्या 295 थी
मंगलवार को भोपाल से विभिन्न स्थानों के लिए चलने वाली बसों की संख्या 260 तक पहुंच गई। जबकि तीन पहले तक 730 में से 295 तक बसें चलने लगी थीं। लेकिन राज्य सरकार द्वारा किराए में बढ़ोत्तरी न किए जाने और यात्रियों की कमी के चलते ऑपरेटरों ने बसों के परमिट सरेंडर करना शुरू कर दिए हैं। भोपाल आरटीओ में अब तक 145 बसों के परमिट सरेंडर कर के-फॉर्म ऑपरेटरों द्वारा लिए जा चुके हैं। इनमें भोपाल से चलने वाली बसों के अलावा अन्य स्थानों से संचालित होने वाली गाड़ियों की संख्या शामिल है।