नई दिल्ली। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर क्वारैंटाइन करने के लिए लगाई गई मुहर (सील) से कांग्रेस नेता मधु याक्षी गौड़ के हाथ पर फफोले पड़ गए। यही नहीं, हाथ में दर्द और खुजली भी शुरू हो गई। गौड़ ने नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी से इसकी शिकायत की। उन्होंने सोमवार को ट्वीट किया- हरदीप सिंह पुरी जी, दिल्ली एयरपोर्ट पर स्टांपिंग के लिए इस्तेमाल हो रही इंक में मौजूद केमिकल पर गौर करें। कल एयरपोर्ट पर मेरे हाथ पर मुहर लगाई गई थी, इसके बाद से ही दर्द और खुजली हो रही है। अब मेरा हाथ कुछ इस तरह नजर आ रहा है।
गौड़ ने ट्विटर पर अपने हाथ की दो तस्वीरें भी पोस्ट की। केंद्रीय हरदीप सिंह पुरी ने गौड़ के ट्वीट का जवाब दिया- ‘इस ओर ध्यान दिलाने के लिए आपका शुक्रिया। मैंने इसके बारे में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के सीएमडी से बात की है।’ शिकायत के बाद दिल्ली एयरपोर्ट के अधिकारी तुरंत एक्शन में आए। एक अफसर के मुताबिक, अब एयरपोर्ट पर इंक के फ्रेश बैच का इस्तेमाल किया जा रहा है।
विदेश से लौटने वालों के लिए 7 दिनों का इंस्टीट्यूशनल क्वारैंटाइन जरूरी
कोरोना नियमों के मुताबिक, विदेश यात्रा करने वाले सभी लोगों को 7 दिन तक इंस्टीट्यूशनल क्वारैंटाइन और उसके बाद सात दिन तक होम क्वारैंटाइन में रहना जरूरी है। हालांकि, यात्रा से 96 घंटे पहले कोविड निगेटिव सर्टिफिकेट लेने वाले लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वारैंटाइन से छूट दी गई है। सभी एयरपोर्ट्स पर होम क्वारैंटाइन में भेजे जाने वाले लोगों के हाथ पर मुहर लगाई जाती है। इसके लिए ऐसी स्याही का इस्तेमाल होता है, जिसे आसानी से नहीं मिटाया जा सके।
डीआईएल ने अफसोस जाहिर किया
दिल्ली एयरपोर्ट का मैनेजमेंट जीएमआर ग्रुप की अगुआई वाली दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआईएल) करती है। कांग्रेस नेता के ट्वीट पर डीआईएल ने कहा- आपको हुई असुविधा के लिए हमें अफसोस है। स्टांपिंग के लिए नहीं मिटने वाली स्याही का इस्तेमाल होता है। हमने इस मामले के बारे में दिल्ली सरकार के अधिकारियों को जानकारी दे दी है। दिल्ली एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक, घरेलू यात्रा करने वाले लोगों के लिए भी सात दिनों का क्वारैंटाइन जरूरी है। हालांकि, उनके हाथ पर मुहर नहीं लगाई जाती।