सागर। यूपी के बदमाशाें द्वारा नए तरीके से एटीएम ठगी का खुलासा हुआ है। काेतवाली पुलिस के हत्थे चढ़े अंतर्राज्यीय गिराेह से जुड़े बदमाश पेंचकस से एटीएम की शटर एसेंबली काे दबाकर रकम निकाल लेते थे। इसके बाद बैंक के कस्टमर केयर पर कैश न निकलने और खाते से राशि कटने की शिकायत करके उसी खाते में उतनी रकम जमा करा लेते थे। बैंक द्वारा जब एटीएम से संबंधित खाते से ट्रांजेक्शन की जांच कराई जाती ताे उसमें एरर मिलता था। जिससे संबंधित खाते में रकम जमा कर दी जाती थी।
इससे सीधा बैंक काे नुकसान हाे रहा था। बैंक द्वारा इस राशि की वसूली एटीएम के वेंडर से कर रहा था। इसके पहले भी इसी तरह का एक गिराेह पकड़ा गया था। दाे दिन पहले शहर के विभिन्न एटीएम से रुपए निकालते समय एक गार्ड की सूचना पर काेतवाली पुलिस ने बदमाशाें काे दबाेचा था। इस दाैरान एक मास्टर माइंड भागने में सफल रहा। बदमाशाें से 43 हजार रुपए नकद और 38 एटीएम कार्ड मिले हैं। ज्यादातर एटीएम कार्ड रिश्तेदाराें के जनधन खाताें के हैं। इन्हीं का उपयाेग करके बैंक काे चूना लगाया जा रहा था।
सफेद एक्सयूवी कार क्रमांक यूपी 77 एई 1937 से आए बदमाशाें ने शनिवार काे एक एटीएम से करीब 40 हजार का ट्रांजेक्शन हुआ था। एटीएम के गार्ड की सूचना पर काेतवाली पुलिस ने बदमाशाें काे दबाेच लिया। आरोपियों ने अपने नाम अनूप उर्फ सचिन यादव पिता चंद्रपाल यादव उम्र 18 साल, कृष्णकांत उर्फ मोनू यादव पिता राजा सिंह यादव उम्र 21 वर्ष, कुंवरबाबू यादव पिता श्रीराम सिंह उम्र 24 साल तीनों निवास नौबादपुर थाना सट्टी जिला कानपुर देहात, प्रत्युश पिता शैलेन्द्र पटेल उम्र 18 वर्ष निवासी गोविंद नगर गली निरालानगर कानपुर शामिल हैं। बदमाशाें के पास जाे एटीएम कार्ड थे वे उनके रिश्तेदाराें के बताए जा रहे हैं। एटीएम जनधन खाते हैं।
2 साल में यूपी-एमपी में 1 कराेड़ की ठगी
एमपी व यूपी में दाे साल से यह गिराेह सक्रिय है। ठगी में सीधा बैंक काे नुकसान हाेने और किसी अन्य खातेदार के खाते से राशि न कटने के कारण पुलिस तक इस तरह की ठगी की शिकायतें नहीं पहुंचीं। एटीएम के वेंडर की शिकायत पर पुलिस जालसाजाें काे पकड़ने के लिए अलर्ट हुई। प्रदेश में अब तक करीब 1 कराेड़ से ज्यादा की ठगी का अनुमान है। पिछली बार पकड़े गए गिराेह के सदस्याें ने सागर जिले के करीब 100 एटीएम से 20 लाख रुपए से ज्यादा राशि निकाली थी। इस बार करीब 40 हजार रुपए निकाले गए।
भाजपा सांसद प्रतिनिधि के यहां लगी थी कार
बदमाश जिस कार से आए थे वह आराेपी माेनू के पिता के नाम पर रजिस्टर्ड है। पुलिस सूत्राें के अनुसार यह कार यूपी के किसी भाजपा सांसद के प्रतिनिधि के यहां लगी थी। कार में भाजपा का झंडा रखा हुआ था। जिसे बदमाशाें ने कार में आगे लगा लिया ताकि पुलिस से बच सकें। यह गाड़ी किस्त पर खरीदी गई थी।
इस तरह एटीएम का सेंसर व मोटर को जाम करके ठगी
जालसाज पहले अपने एटीएम से रुपए निकालते समय एटीएम के माउथ में पेंचकस फंसाकर उसको जाम कर देते हैं। जिससे माउथ बंद नहीं होता।
इसके बाद अपने एटीएम कार्ड से रुपए निकालते हैं। ट्रांजेक्शन के दाैरान एक पेंचकश एटीएम की शटर एसेंबली में फंसाकर माेटर व सेंसर को जाम कर देते हैं।
इस तरह रुपए तो बाहर आ जाते हैं लेकिन सेंसर इस राशि काे रीड नहीं कर पाता। माउथ की मोटर डैमेज होने से मशीन आगे कैश डिस्पेंस वर्क नहीं कर पाती।
सेंसर ब्रेक हाेने के बाद जाे रकम एटीएम से निकलती है वह संबंधित खाते से तो कटती है लेकिन बैंक के पास ट्रांजेक्शन का रिकार्ड नहीं रहता। इसका नुकसान एटीएम वेंडर काे भुगतना पड़ता है।
आरोपियों से कैश, एटीएम, पेन कार्ड मिले
एडिशनल एसपी सागर विक्रम सिंह कुशवाह ने बताया कि यूपी की इस गैंग ने अन्य राज्याें में भी ठगी की हाेगी ऐसा अनुमार है। जानकारी मंगाई है। पकड़े गए आराेपियाें में अनूप से 25 एटीएम 38 हजार नकद, एक स्मार्टफोन, एक पेन कार्ड, रिंकू से एक लोहे का चौड़ा पैंचकश, कृष्णकांत उर्फ मोनू से एक मोबाइल 2500 रुपए नगद, एक पेन कार्ड, कंवरबाबू यादव से एक मोबाइल, नकदी 1000 रुपए, एक पेंचकश, 09 एटीएम कार्ड और प्रत्युश से 4 एटीएम कार्ड, 2000 रुपए नकद मिले।
आरोपियों को जेल भेजा
उनके खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस ने साेमवार काे चाराें काे काेर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। टीम में काेतवाली थाना प्रभारी उपमा सिंह, एसआई एचएन मिश्रा, एसआई निशांत भगत, कैलाशराज, सुशील चाैहान, अमित चाैबे आदि शामिल थे।