भोपाल। कोरोना काल में प्रदेश में 17 अक्टूबर से शुरू हो रहा नवरात्र उत्सव अब धूमधाम से मनाया जा सकेगा। राज्य सरकार ने शनिवार को 15 दिन पहले दिया अपना वह आदेश वापस ले लिया है, जिसके तहत 6 फीट से कम ऊंची दुर्गा प्रतिमाएं रखने और छोटे पंडाल लगाने की अनुमति दी गई थी।
नए आदेश में सरकार ने कहा है कि अब छह फीट से भी ऊंची प्रतिमाएं रख सकेंगे। पंडाल भी 30 गुणा 45 फीट तक होंगे। पहले यह सिर्फ 10 गुणा 10 आकार में रखने के निर्देश थे। इसके अलावा, रामलीला और रावण दहन का आयोजन भी किया जा सकेगा। हालांकि गरबा आयोजन और चल समारोहों पर पूर्व में जारी रोक बरकरार रहेगी। सरकार ने यह फैसला तमाम हिंदू संगठनों और दुर्गा उत्सव समितियों की नाराजगी के चलते लिया है।
भोपाल में 6 फीट तक की प्रतिमाओं के करीब 800 ऑर्डर, वो भी अभी अधूरे
नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं। सरकार ने 14 दिन पहले 6 फीट से बड़ी दुर्गा प्रतिमाएं बनाने का ऑर्डर देकर असमंजस की स्थिति बना दी है। भोपाल में मूर्तिकारों के सबसे बड़े संगठन प्रजापति मूर्तिकार माटीकला कल्याण संघ के अध्यक्ष मोहनलाल प्रजापति बताते हैं कि शहर में करीब 40 से 50 कारखानों में दुर्गा प्रतिमाएं बन रही हैं।
18 सितंबर को जब 6 फीट तक की प्रतिमाएं बनाने का आदेश आया, तब तक 8 से 10 फीट तक ऊंची 150 से 200 प्रतिमाएं बन रही थीं। आदेश आते ही इन्हें अधूरा ही छोड़ दिया गया। हर साल शहर में 1200 से ज्यादा प्रतिमाएं स्थापित होती हैं, लेकिन इस बार सिर्फ 700 से 800 ऑर्डर ही मिल सके।
वो भी अधूरे पड़े हैं। अभी 17 अक्टूबर के पहले इन्हें पूरा करना ही चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि इस बार लॉकडाउन के चलते बंगाल से मूर्तिकार नहीं आ सके। इनमें वो मजदूर भी शामिल रहते हैं, जो पांच से छह माह यहीं रहकर मूर्तिकारों का सहयोग करते हैं। यदि अब 8 से 10 फीट ऊंची प्रतिमाओं के ऑर्डर आते हैं तो उन्हें तय समय में पूरा कर पाना बहुत मुश्किल होगा।
जहां सोशल डिस्टेंसिंग की व्यवस्था नहीं, वहां झांकियां भी नहीं : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रतिमा विसर्जन के लिए भी अधिकतम 10 लोग जा सकेंगे। रामलीला व रावण दहन आयोजनों में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का उपयोग अनिवार्य होगा। जहां सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन की संभावना बनेगी, वहां झांकियां नहीं लगा सकेंगे। उन्होंने लोगों से अपील की है कि झांकियां खुली-खुली बनाएं। गुफा, सुरंग या पूरी तरह बंद झांकियां न बनाएं।