भोपाल। भोपाल के मंगलवारा इलाके में देर रात एक विवाहिता ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। उसने फांसी लगाने के पहले अपने ढाई साल के बेटे को मायके में पिता के पास छोड़ दिया था। महिला ने अंतिम बार अपने पति से फोन पर बात की थी। उसके बाद पति उसे रातभर फोन लगाता रहा, लेकिन उसका फोन रिसीव नहीं हुआ। सुरेंद्र पिता की अस्थियां विसर्जन करने प्रयागराज गया था। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। इससे खुदकुशी के कारणों का पता नहीं चल सका।
मंगलवारा पुलिस के अनुसार, अहीरपुरा निवासी सुरेंद्र सिंह ठाकुर एक बीमा कंपनी में प्राइवेट जॉब करते हैं। उनकी वर्ष 2017 में 31 वर्षीय प्रियंका ठाकुर से शादी हुई थी। उनका ढाई साल का एक बेटा भी है। सुरेंद्र ने पुलिस को बताया कि वह इलाहाबाद गए थे। रात करीब 10 बजे उनकी प्रियंका से बात हुई थी। दोबारा जब उन्होंने फोन लगाया तो प्रियंका ने फोन रिसीव ही नहीं किया।
सुरेंद्र की मां कुसुमलता ने प्रियंका को फंदे पर लटके देखा था। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। सुरेंद्र सुबह इलाहाबाद से भोपाल पहुंच गए। मामले की जांच कर रहे एएसआई करण सिंह ने बताया कि खुदकुशी के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है। पहली प्राथमिकता महिला का पोस्टमार्टम कराना है।
ढाई साल के बेटे को मायके छोड़ा
परिजन ने बताया कि घटना के वक्त प्रियंका घर पर अकेली थी। उसने अपने ढाई साल के बेटे को मायके में पिता के पास छोड़ दिया था। हालांकि उसने उन्हें भी अभी तक की जानकारी के अनुसार कुछ नहीं बताया था।
सीएसपी स्तर के अधिकारी जांच करेंगे
अब इस मामले की जांच सीएसपी स्तर के अधिकारी करेंगे। प्रियंका की शादी के 7 साल तक के मामले की जांच कानूनन सीएसपी स्तर के अधिकारी ही कर सकते हैं। यह मामला नवविवाहिता का माना जाता है, ऐसे में मायके पक्ष के बयान को ही अंतिम माना जाता है। अगर महिला के मायके पक्ष वाले किसी तरह का कोई आरोप लगाते हैं तो उसके अनुसार ही केस दर्ज किया जाता है। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी।
सुरेंद्र पिता की अस्थियां विसर्जित करने गया था
सुरेंद्र ने बताया कि कुछ दिन पहले ही उसके पिता की मौत हो गई थी। वह अपने छोटे भाई के साथ उनकी अस्थियां विसर्जित करने प्रयागराज गया था। अंतिम बार उसकी रात 10 बजे प्रियंका से बात हुई थी। उसके बाद वह फोन लगाता रहा, लेकिन प्रियंका ने फोन रिसीव नहीं किया।