उज्जैन-आगर-झालावाड़ टू लेन बदल सकता फोरलेन में, संसद में मांग की, इस रूट पर रेल परिवहन नहीं, चार हजार छोटे-बड़े वाहन रोज गुजरते हैं इससे

Posted By: Himmat Jaithwar
10/3/2020

उज्जैन-आगर-झालावाड़ के टू लेन के लिए डीपीआर का काम शुरू हो चुका है। इसी बीच अब इसके फोरलेन में तब्दील होने के संकेत भी मिल रहे हैं। सांसद अनिल फिरोजिया संसद में इसे लेकर मांग कर चुके हैं। यदि इस पर गौर हुआ तो वित्तीय वर्ष समाप्त होने के पहले प्राेजेक्ट में विस्तार हो सकता है। अगस्त के अंत में केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने 134 किमी लंबे उज्जैन-आगर-झालावाड़ मार्ग को टू लेन करने के लिए 504 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति की घोषणा की थी।

इसके बाद से ही इसकी डीपीआर बनाने के काम में एनएचए की टीम जुटी है। प्राेजेक्ट के हिसाब से अभी मार्ग की चौड़ाई अधिकतम साढ़े पांच मीटर है जो बढ़कर 10 मीटर होना है। अधिकारियों ने दिसंबर अंत तक डीपीआर तैयार करने का लक्ष्य रखा है। इसके बाद चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक ही इसके टेंडर की प्रक्रिया पूरी करने की बातें कही जा रही है। इधर इस बीच सांसद अनिल फिरोजिया ने संसद में उक्त मार्ग को टू से फोरलेन करने की मांग केंद्रीय मंत्री से की है।

तर्क दिया है मार्ग पर काफी वाहन गुजरते हैं और सिंहस्थ की दृष्टि से इसे फोरलेन किया जाना भी जरूरी है। ऐसे में अब ये उम्मीद जागी हैं कि आगे चलकर ये प्राेजेक्ट टू से फोरलेन में बदल सकता है। इसकी बड़ी वजह यह भी कि उक्त उज्जैन-आगर रूट पर रेल लाइन नहीं है।

ऐसे में सारा दबाव सड़क परिवहन पर ही रहता है। एक अनुमान के हिसाब से इस मार्ग से रोजाना छोटे-बड़े चार हजार वाहन गुजरते हैं। 9 सितंबर 17 को इस मार्ग का बीओटी का ठेका खत्म होने के बाद से ही ये मार्ग एमपीआरडीसी की देख-रेख में हैं लेकिन मेंटेनेंस नहीं हो पाने से यह खासकर बारिश में ज्यादा जर्जर हो जाता है। लाखों लोगों को मिलेगा फायदा और सिंहस्थ में भी मदद मिलेगी

उज्जैन-आगर-झालावाड़ टू लेन प्रस्तावित है। इसे फोरलेन करने की मांग संसद में की हैं। उम्मीद है कि इस पर गौर होगा। जिससे लाखों लोगों को फायदा होगा और सिंहस्थ में भी मदद मिलेगी। - अनिल फिरोजिया, सांसद

प्रस्तावित टू लेन के हिसाब से ही डीपीआर तैयार करवा रहे
दिल्ली में मार्ग को लेकर क्या स्थिति चल रही हैं, जानकारी नहीं है। हम प्रस्तावित टू लेन के हिसाब से ही डीपीआर तैयार करवा रहे हैं। दिसंबर तक डीपीआर तैयार कर लेंगे। उम्मीद है इसी वित्तीय वर्ष में टेंडर प्रक्रिया पूरी हो जाए। - अनिल कुमार जैन, प्रोजेक्ट इंचार्ज, एनएचए



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