रतलाम। नाबालिग किशोरी से छेड़छाड़ के आरोपी को न्यायालय ने तीन साल के सश्रम कारावास और दो हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। आरोपी को दूसरी धारा में छह माह का सश्रम कारावास और पांच सौ रुपए अर्थदंड लगाया। यह सजा पाक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश साबिर एहमद खान की कोर्ट ने सुनाई।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी शिव मनावरे ने बताया कि 5 नवंबर 2017 को थाना आलोट पर फरियादी अपने पति एवं 8 वर्षीय बेटी के साथ पहुंची थी। उसने बताया कि वह सिलाई का काम करती है। घटना वाली सुबह 9 बजे बेटी को ग्राम में गोकुलसिंह पिता पर्वतसिंह सौंधिया राजपूत के घर सिलाई के पैसे लेने के लिए भेजा था। करीब आधा घंटे के बाद बेटी घर पर आई तो वह रोने लगी और बताया कि गोकुलसिह घर पर अकेला था और उससे सिलाई के पैसे मांगे तो वह बुरी नियत से मेरा हाथ पकड़ कर घर के अंदर ले गया और घर का दरवाजा बंद कर लिया। फिर मेरे सीने और पीठ पर हाथ लगाने लगा और मुझसे कहा कि रोज मैरे घर शाम को आना तो मैं तुझे रोज पैसे और बिस्किट दॅूगा। यह बात अपनी मम्मी-पापा को मत बताना। इसके बाद मैं आने लगी तो उसने फ्राक पकड ली जिससे फ्राक फट गई। इस पर पुलिस पॉक्सो एक्ट की धारा में प्रकरण पंजीबद्ध कर अगले ही दिन 6 नवंबर 2017 को आरोपी गोकुल सिंह को गिरफ्तार कर लिया। बाद में अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया। न्यायालय आरोपी गोकुल सिंह पिता पर्वत सिंह को दोषसिद्ध पाते हुए पॉक्सो एक्ट में तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं एवं 2000 रुपए अर्थदंड एवं धारा 342 भादवि में छह माह का सश्रम कारावास एवं 500 रुपए का अर्थदंड से दंडित किया गया। अभियोजन की तरफ से पैरवी पाक्सो एक्ट की विशेष लोक अभियोजक सीमा शर्मा ने की।