नवरात्र से पहले एक और वित्तीय पैकेज ला सकती है सरकार, दिवाली तक अर्थव्यवस्था में रिकवरी का मकसद

Posted By: Himmat Jaithwar
9/27/2020

केंद्र सरकार फेस्टिव सीजन में उपभोक्ताओं के हाथ में पैसा पहुंचाने के लिए एक और वित्तीय पैकेज की घोषणा कर सकती है। इस पैकेज की घोषणा नवरात्र के आसपास हो सकती है। नवरात्र को देश का सबसे बड़ा खरीदारी सीजन माना जाता है। इस पैकेज का मकसद दिवाली तक अर्थव्यवस्था में रिकवरी लाना है। इस पैकेज के जरिए कमाई कम होने की मार झेल रहे नौकरीपेशा, प्रवासी मजदूरों और छोटे कारोबारों के हाथ में पैसा दिया जाएगा। इससे कंपनियों की मांग बढ़ेगी। कई एक्सपर्ट्स ने यह उम्मीद जताई है।

पहले भी दिवाली से पहले मिलते रहे हैं पैकेज

केंद्र सरकार इससे पहले भी दिवाली के आसपास वित्तीय पैकेज देती रही है। अक्टूबर 2017 में दिवाली से ठीक पहले सरकार ने 27 उत्पादों पर जीएसटी की दरों में कटौती की थी। इसमें अधिकांश उपभोक्ता उत्पाद थे। इसके अलावा अन्य इंसेंटिव की भी घोषणा की गई थी। पिछले साल सितंबर में फेस्टिव सीजन के आसपास वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट टैक्स की दरों में कटौती की थी। इससे कॉरपोरेट को करीब 1.45 लाख करोड़ रुपए का लाभ हुआ था। यह घोषणा भी दिवाली से पहले हुई थी।

बाजार की भी वित्तीय प्रोत्साहन की उम्मीद

एमके वेल्थ मैनेजमेंट के रिसर्च प्रमुख जोसेफ थॉमस का कहना है कि बाजार को भी वित्तीय प्रोत्साहन की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि फेस्टिव सीजन से पहले सरकार की ओर से एक और प्रोत्साहन पैकेज की उम्मीद से शेयर बाजारों में भी तेजी आ सकती है। थॉमस का कहना है कि कोरोना महामारी के फिर से बढ़ने की आशंका बनी हुई है। इसके अलावा जियो-पॉलीटिकल तनाव के कारण बाजार में पिछले कुछ ट्रेडिंग सेशन से गिरावट जारी है।

रेटिंग एजेंसियों ने भी जताया है वित्तीय पैकेज का अनुमान

रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने हाल ही में अनुमान जताया था कि अर्थव्यवस्था को सपोर्ट के लिए सरकार और वित्तीय पैकेज की घोषणा कर सकती है। इस महीने की शुरूआत में फिक्की ने भी एक और प्रोत्साहन पैकेज की आवश्यकता की बात कही थी। फिक्की ने कहा था कि पहली तिमाही में देश की जीडीपी में गिरावट स्पष्ट संकेत देती है कि अर्थव्यवस्था में मांग को मजबूत करने के लिए प्रमुख प्रोत्साहन पैकेज की आवश्यकता है।

मई में घोषित किया था 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई में लॉकडाउन के दौरान करीब 20 लाख करोड़ रुपए के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। यह देश की जीडीपी के 10 फीसदी के बराबर था। इस विशेष पैकेज में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की घोषणा की गई थी। इसके तहत गरीबों, महिलाओं, किसानों और वरिष्ठ नागरिकों को 1.70 लाख करोड़ रुपए का मुफ्त अनाज और नकद भुगतान किया गया था। करीब 41 करोड़ गरीब लोगों को 52,608 करोड़ रुपए की वित्तीय मदद दी गई थी।



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