ग्वालियर। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार आगामी विधानसभा उप निर्वाचन में M-2 मॉडल की ईव्हीएम के स्थान पर नवीनतम तकनीक से निर्मित M-3 मॉडल की ईव्हीएम का उपयोग किया जायेगा। इस संबंध में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश धरणेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि M-3 मशीनें M-2 से बेहतर हैं। पहले M-2 मशीनों के अंतर्गत कंट्रोल यूनिट के साथ 4 बैलेट यूनिट ही जोड़ सकते थे, लेकिन अब नई मशीनों में 24 बैलेट यूनिट को जोड़ा जा सकेगा। ये मशीनें नोटा सहित 384 अभ्यर्थियों तक के लिये सक्षम हैं। पहले उपयोग होने वाली M-2 मशीनों में बैटरी का प्रतिशत दिखाई नहीं देता था, लेकिन M-3 मशीनों में यह दिखाई देगा। जिसके आधार पर पीठासीन अधिकारी बैटरी को बदल सकते हैं। नवीन M-3 मशीनों में केन्डीडेट सेक्शन एवं बैटरी सेक्शन दोनों को पृथक-पृथक सील्ड किया जाता है। जिससे बैटरी लाइफ कम होने पर पीठासीन अधिकारी बैटरी सेक्शन को खोलकर उसे बदल सकते हैं। इन मशीनों का वजन कम होने के कारण इन्हें लाने-ले जाने में भी सुविधा होगी।