प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 69वीं बार 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। इस दौरान कोरोना संकट के बीच सावधानियां रखने, बच्चों का ख्याल रखने और किसान बिलों पर उनका फोकस रहा। उन्होंने भरोसा दिया कि नए किसान बिलों से किसानों को फायदा ही होगा। उन्हें जहां ज्यादा कीमत मिलेगी अपनी फसल और फल वहीं बेंच सकेंगे। प्रधानमंत्री ने इशारों ही इशारों में चीन और पाकिस्तान को हिदायत भी दी।
मोदी के भाषण की 11 प्रमुख बातें
- कोरोना के कालखंड में दो गज की दूरी जरूरी बन गई है। इस दौरान कई परिवारों को दिक्कतें भी आईं। परिवार के बुजुर्गों ने बच्चों को कहानियां सुनाकर समय बिताया। कहानियां संवेदनशील पक्षों को सामने लाती हैं। जब मां बच्चे को खाना खिलाने के लिए कहानी सुनाती है, उसे देखना दिलचस्प होता है।
- लंबे समय तक में घुमंतू रूप में रहा। कई घरों में जाता था। मैं बच्चों को कहानियां सुनाता था। वे कहते थे, अंकल चुटकुले सुनाइए। मैं हैरान रह गया कि घरों में कहानियों की परंपरा खत्म हो गई।
- हमारे यहां तो हितोपदेश, पंचतंत्र जैसी कहानियों की परंपरा रही है। दक्षिण भारत में ही ऐसी परंपरा है, जिसे विल्लूपाट कहते हैं। कई लोग इसे आगे बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
- परिवार में हर हफ्ते कहानियों के लिए समय निकालिए। इसके लिए करुणा, वीरता, प्रेम जैसे विषय भी निर्धारित कीजिए।
- मैं हर स्टोरी टेलर से कहना चाहता हूं कि हम आजादी का 75वां साल मनाने जा रहे हैं। आजादी से लेकर अब तक की घटनाओं को कहानियों में गढ़ सकते हैं क्या?’
- हमारे यहां कहा जाता है कि जमीन से जुड़ा व्यक्ति बड़े से बड़े तूफानों में अडिग रहता है। कोरोना के संकट काल में किसानों ने दमखम दिखाया है। ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी।
- मुझे कई किसानों, संगठनों की चिट्ठियां मिलती हैं कि खेती में कैसे बदलाव आ रहे हैं? हरियाणा के किसान कंवर चौहान ने बताया कि उन्हें मंडियों से बाहर फल-सब्जी बेचने में दिक्कत आती थी। गाड़ियां जब्त हो जाती थीं। 2014 में एपीएमसी एक्ट में बदलाव हुए। उन्होंने एक समूह बनाया। अब उनकी चीजें फाइव स्टार होटलों में सप्लाई हो रही हैं। ढाई से तीन करोड़ सालाना कमा रहे हैं। यही ताकत देश के दूसरे किसानों की ताकत है।
- गेहूं, धान, गन्ना या किसी भी फसल को जहां मर्जी हो, वहां बेचने की ताकत मिल गई है। पुणे, मुंबई में किसान साप्ताहिक बाजार खुद चला रहे हैं। इसका सीधा लाभ होता है। नए किसान बिल से किसानों को फायदा होगा। जहां अच्छे दाम मिलेंगे, किसान वहीं फल-सब्जियां बेचेगा।
- 1919 में जलियांवाला हत्याकांड के बाद एक बच्चा वहां गया। बच्चा स्तब्ध था कि कोई ऐसा कैसे कर सकता है? उसने अंग्रेजी साम्राज्य को उखाड़ फेंकने की कसम खाई। वह बच्चा महान शहीद भगत सिंह थे। कल 28 सितंबर को उनकी जयंती है। भगत सिंह और उनके साथियों ने जिन कामों को अंजाम दिया, उनका आजादी की लड़ाई में अहम योगदान है। चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु, सुखदेव जैसे कई क्रांतिकारियों का एक ही मकसद था, भारत को आजाद कराना।
- हम भले ही भगत सिंह न बन पाएं, लेकिन उनके पदचिह्नों पर चलने की कोशिश कर सकते हैं। चार साल पहले सितंबर में भारत ने पीओके में जाकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। हमारे जवानों ने अपने प्राणों की परवाह किए बिना अदम्य साहस का परिचय दिया था।
- कोरोना काल में मास्क जरूर पहनें, दो गज की दूरी रखें। यह आपको और परिवार को बचाएगा। हम यह न भूलें- जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।
अपर्णा ने मोदी को सुनाई तेनालीराम की कहानी
मोदी ने स्टोरी टेलर अपर्णा अत्रेया से बात की। अपर्णा ने कहा कि मैं बैंगलोर स्टोरी टेलिंग सोसाइटी की ओर से आपको बधाई देना चाहती हूं। मेरे पति एयरफोर्स में हैं, मैं पैशनेट स्टोरी टेलर हूं। मुझे बच्चों को कहानी के जरिए शिक्षा देने का मौका मिला। दादी से कहानियां सुनने के दौरान ही मुझे लगा कि बच्चों के साथ ऐसा करना कितना दिलचस्प होगा। अपर्णा के साथ उनकी टीम की कई महिलाओं ने मोदी से स्टोरी टेलिंग को लेकर बात की। अपर्णा ने मोदी को विजयनगर साम्राज्य के राजा कृष्णदेव राय और उनके मंत्री तेनालीराम की कहानी सुनाई।