शिव-ज्योति एक्सप्रेस ने मप्र के लोकतंत्र की हत्या की। शिव-ज्योति एक्सप्रेस ने मप्र में कोरोना को आमंत्रण दिया। मप्र में काेरोना से 2500 मौतों के लिए शिव-ज्योति एक्सप्रेस दोषी है। इन्होंने मप्र के रोजगार को छीना है। अतिथि विद्वानों के साथ हठधर्मिता, किसानों के साथ अत्याचार, ऋणमाफी योजना रोकना... इन सबके लिए दोषी कोई है तो शिव-ज्योति एक्सप्रेस है। यह जुबानी हमला पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए किया। पटवारी ने मुख्यमंत्री शिवराज और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश के लिए विनाशकारी जोड़ी कहा।
मप्र की सरकार कहती है मरना है तो मरो, हमें तो सत्ता में रहना है
पटवारी ने कोरोना की मंहगी दवाई को लेकर कहा कि छत्तीसगढ़ और राजस्थान में इन दवाइयों को वहां की सरकार मुफ्त में उपलब्ध करवा रही है। मप्र की सरकार ने तो कह दिया है आपको मरना है मर जाओ हमें तो सत्ता में रहना है, जिसे हम नहीं छोड़ेंगे। विधायकों, सांसद और प्रभारियों की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा था कि ये वैभव, रुतबा जब तक है, तब तक सत्ता है। जब आपने कहा कि हम फ्री इलाज कर रहे हैं तो फिर प्रशासन को आवश्यक दवाइयों को गरीबों को फ्री में देना चाहिए। पटवारी ने कहा कि कोराेना काल में कांग्रेस ने मांग की थी कि 26 एयरपोर्ट बंद कर दीजिए, उन्होंने नहीं किए। जो आज व्यवस्था एयरपोर्ट पर है वह पहले कर देते तो यह भयावह स्थिति नहीं बनती। इतनी बड़ी संख्या आज संक्रमितों की नहीं होती।
कमलनाथ मास्क लगाओ दूरी बनाओ को जीते हैं
कमलनाथ द्वारा मास्क नहीं लगाने के सवाल पर पटवारी ने कहा कि वे मास्क के समर्थक हैं। मास्क लगाओ और दूरी बनाओ, वे इस भावना को जीते हैं। संबल योजना को समाप्त करने को लेकर कहा कि उसका नाम बदलकर नया सवेरा किया गया था। हमने योजना की राशि में काफी बढ़ोतरी की थी। जीएसटी को लेकर कहा कि हां कांग्रेस जीएसटी लागू करने वाली थी, लेकिन भाजपा ने जो शैली अपनाई उससे अर्थव्यवस्था लेट गई। हम जनता से बातचीत करके उस कानू को लागू करते। उन्होंने संसद में डिबेट तक नहीं करवाई। माधवराव सिंधिया की जयंती को लेकर कहा कि वे हमारे नेता थे। उनकी जयंती मनाना हमारा दायित्व है।
80 फीसदी वेयर हाउस अडानी के पास
उन्होंने कहा कि कृषि सुधार बिल के समर्थन में कांग्रेस हमेशा रही है। लेकिन जो बिल आया है, उसमें कहीं पर भी समर्थन मूल्य का जिक्र तक नहीं है। कहीं चेक इन बैलेंस नहीं है। आपने मंडी बंद कर दी। जिससे किसानों को नुकसान होगा। ईस्ट इंडिया कंपनी जब काम शुरू करती थी तो वो राजाओं को लालच देती थी कि हम आपकी सुरक्षा करेंगे। आपकी सुरक्षा में लगे हमारे सैनिकों को आपको वेतन नहीं देना होगा। ऐसा लालच देने के बाद धीरे से उनके राज्य पर कब्जा कर लेते थे। यह किसानों की जमीनों पर उद्योगपतियों द्वारा कब्जा करवाने का मोदी जी का यह षड़यंत्र है। सर्च करोगे तो पता चलेगा कि 80 फीसदी वेयर हाउस अडानी के पास हैं। देश के जितने पोर्ट हैं, उसमें से 80 फीसदी अडानी के हैं।
मोदी पर अब जनता को भरोसा नहीं रहा
हमारा आरोप है कि मोदी अडानी की प्राइवेट मंडी डलवाना चाहते हैं, जिससे खाद्यान्न पर पूरी पकड़ अडानी की जो जाए। एक तरह से यह मोनोपाॅली है। 900 पन्नों का एक्ट बना, लेकिन उसमें एक लाइन यह नहीं है कि समर्थन मूल्य की सुरक्षा कैसे होगी, जबकि देशभर में इसका विरोध हो रहा है। मोदी जी कहते हैं कि हम रेल को प्राइवेट लोगों को नहीं बेचूंगा। उन्होंने बेची की नहीं बेची। मोदी ने कहा था कि 2 करोड़ रोजगार दूंगा, मंहगाई कम करूंगा, किसान की आय दोगुनी करूंगा, चाइना से दो-दो हाथ करूंगा। मोदी पर अब जनता को भरोसा नहीं रहा।
हम चुनाव के लिए तैयार, लेकिन इस प्रशासन पर भरोसा नहीं
चुनाव को लेकर कहा कि जो भी तारीख तय हुई है, उसका हम स्वागत करते हैं। हम पूरी तरह से चुनाव के लिए तैयार हैं। हमें इस प्रशासन पर भरोसा नहीं है। चुनाव प्रक्रिया के लिए हाईकोर्ट के एक रिटायर्ड जज को बिठाना चाहिए। यह प्रशासन भाजपा की कथपुतली है। प्रशासन का व्यवहार नौकर जैसा है। हम पत्र लिखकर इस संबंध में चुनाव आयोग से मांग करेंगे। पटवारी ने कहा कि इस बिल के विरोध स्वरूप कांग्रेस पहले संभाग आयुक्त को ज्ञापन देगी और फिर जिलेवार आंदोलन करेगी। 28 तारीख को राज्यपाल को ज्ञापन दिया जाएगा और फिर 1 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक कलेक्टर कार्यालय पर किसानों का आंदोलन किया जाएगा। वहीं, 10 तारीख को भोपाल में प्रदेश व्यापी आंदोलन होगा।
गुड्डू बोले - मंत्री के क्षेत्र में भुखमरी ने ली दंपती की जान
सांवेर से कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू ने कटाक्ष मंत्री तुलसीराम सिलावट पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मंत्री के क्षेत्र में छह महीने से काम नहीं मिलने से दिव्यांग पति-पत्नी ने जान दे दी। मेरा आराेप है कि बुजुर्ग दंपती गरीबी, बेरोजगारी और भुखमरी से मरे हैं। मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूं कहां गई आपकी गरीबों के लिए चलाई जा रही संबल योजना। उनके प्रदेश में यदि लोग भूख-प्यास से मर रहे हैं तो ऐसे सीएम को इस्तीफा दे देना चाहिए। आने वाले समय में हम इन्हें सबक सिखाएंगे। गरीबों के साथ जो यह व्यवहार हो रहा है यह ठीक नहीं है।