झाबुआ। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में मंगलवार शाम आपदा प्रबंधन समिति की बैठक हुई। बैठक के दौरान शहर में बिजली गुल हो गई। कलेक्टोरेट में भी बंद हो गई। 15 मिनट तक अंधेरे में बैठक चली। जब तक बिजली नहीं आई, कलेक्टर ने वहां मौजूद लोगों के मोबाइल पर सार्थक एप डाउनलोड कराया। ये उस कलेक्टर ऑफिस के हाल हैं, जहां 29 लाख रुपए खर्च कर सोलर सप्लाय सिस्टम लगाया गया था। जून 2018 में लगा ये सिस्टम कभी काम नहीं कर सका। 28 लाख 96 हजार के सिस्टम को ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप फोटो वोल्टेइक पॉवर प्लांट कहते हैं। इसकी क्षमता 40 किलो वॉट है। इतनी कि पूरे दफ्तर को सप्लाय दे सकती है। लेकिन इसके नहीं चलने से हर महीने हजारों रुपए के बिल भरना पड़ रहे हैं।
कलेक्टर ने नई गाइडलाइन समझाई
बैठक में कलेक्टर रोहितसिंह ने काेरोना मरीजों को लेकर नई गाइडलाइन के बारे में बताया। इसके अलावा भी कुछ विषयों पर चर्चा हुई। ये निर्देश दिए गए कि कोरोना मरीजों के घर पर सूचना लगाई जाए। नवरात्रि को लेकर गृह विभाग की गाइडलाइन बताई गई। यहां जैन दादावाड़ी और बावड़ी मसजिद के बीच की जमीन पर गेट लगाने का मामला भी उठाया गया। एसडीएम एमएल मालवीय ने बताया, अभी काम रुकवा दिया है। जमीन की नपती के लिए तहसीलदार और पटवारी को भेजा है। बुधवार तक साफ हो जाएगा, जमीन किसकी है।