इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा हाेम आइसोलेशन वाले कोरोना मरीजों के लिए बनाई गई गाइडलाइन में एक बड़ा पेंच है। नियमानुसार इन मरीजों को घर में 10 दिन आइसोलेशन और 7 दिन क्वारेंटाइन पीरियड पूरा करना होता है। लेकिन, 17 दिन के बीतने के बाद इन्हें बिना कोविड जांच के डिस्चार्ज कर दिया जाता है। ऐसे में इन्हें पता ही नहीं चलता कि संक्रमण मुक्त हुए हैं या नहीं।
बस, इसी खामी से सैकड़ों जिंदगियां खतरे में पड़ रही हैं, क्योंकि भोपाल में अब तक होम आइसोलेशन से बिना जांच, बिना सर्टिफिकेट मिले 1300 से ज्यादा मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं और इनमें से कुछ दोबारा संक्रमित हुए हैं। ये वो मरीज हैं, जिन्होंने सरकारी रिकॉर्ड से डिस्चार्ज होने पर भरोसा नहीं किया और 17 दिन बाद खुद कोविड टेस्ट कराया। जबकि कुछ मरीज डिस्चार्ज होकर बेफिक्र हुए और बाहर घूमे। जब उन्हें फिर संक्रमण हुआ, तब तक वे कइयों को संक्रमण दे चुके थे।
ये है गाइडलाइन
1. होम आईसोलेट मरीज का तापमान, पल्स रेट, ऑक्सीजन सेचुरेशन की रिकार्डिंग मैदानी अमला करेगा।
2. डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ जांच के बाद इन मरीजों को अटेंडेंट की मौजूदगी में जरूरी दवाएं देंगे।
3. डॉक्टर हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की खुराक मरीज के अटेंडेंट को देंगे।
4. पेशेंट की निगरानी रैपिड रिस्पोंस टीम और इंसीडेंट कमांडर करेगा। टीम में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ होगा।
5. मरीज की देखभाल के लिए घर में एक अटेंडेंट होने पर ही संबंधित को होम आईसोलेशन में रखा जाएगा।
सबसे पहले 2 उदाहरण...
1. होम आइसोलेशन के बाद खुद कराया टेस्ट, पॉजिटिव मिले, अब भर्ती
मिनाल कॉलोनी में रहने वाले 40 वर्षीय सुरेश (परिवर्तित नाम) 2 सितंबर को पॉजिटिव हुए। लक्षण नहीं थे, इसलिए होम आइसोलेशन में गए। गाइडलाइन के अनुरूप 10 दिन होम आइसोलेशन और 7 दिन का क्वारेंटाइन पीरियड पूरा किया। इसके बाद सीएमएचओ भोपाल की रैपिड रिस्पोंस टीम ने उन्हें जल्द होम आईसोलेशन से डिस्चार्ज का सर्टिफिकेट पहुंचाने का भरोसा दिया, जो अब तक नहीं मिला है। शंका हुई तो सुरेश ने फिर टेस्ट कराया तो दोबारा पॉजिटिव मिले। अब भर्ती हैं।
2. जीएमसी की डॉक्टर सरकारी रिकॉर्ड में स्वस्थ, लेकिन अब भी पॉजिटिव
हमीदिया के अधीक्षक दफ्तर में पदस्थ डॉ. निर्मला (परिवर्तिम नाम) को अगस्त के तीसरे सप्ताह में संक्रमण हुआ था। लक्षण नहीं उभरे तो वे होम आईसोलेशन में रहीं। सरकारी रिकाॅर्ड में 3 सितंबर को आइसोलेशन से फ्री कर दिया गया। उन्होंने बताया कि वे होम आईसोलेशन में हैं, क्योंकि तीन सप्ताह में हुए तीन टेस्ट में वे पॉजिटिव मिल रही हैं।
सरकारें डिस्चार्ज के पहले कोविड जांच की व्यवस्था लागू कर सकती हैं
आईसीएमआर की गाइडलाइन देशव्यापी सैंपलिंग, टेस्टिंग और इलाज को ध्यान में रखकर बनाई गई है। गाइडलाइन में 10 दिन से ज्यादा समय से अस्पताल में भर्ती मरीज की सेहत की निगरानी कुछ लक्षणों के आधार पर करने के बाद बिना कोविड टेस्ट कराए डिस्चार्ज करने की सिफारिश की गई है। इसे मानना अनिवार्य नहीं है। राज्य सरकार अथवा स्थानीय प्रशासन चाहे तो होम आईसोलेशन के प्रत्येक मरीज को डिस्चार्ज करने से पहले उसकी रिपोर्ट कोविड निगेटिव होने की व्यवस्था लागू कर सकता है।
सीधी बात- डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ, भोपाल
हम आईसीएमआर की गाइडलाइन मान रहे, इसलिए टेस्ट नहीं कराते
- भोपाल में कितने मरीज घर से डिस्चार्ज हुए? करीब 1300 मरीज। 17 दिन का पीरियड पूरा होने पर इन्हें डिस्चार्ज करते हैं।
- इनमें से कई दोबारा संक्रमित हुए हैं? ऐसा केस मेरी जानकारी में नहीं है। अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती होने वाले कुछ मरीज रिपीट पॉजिटिव आए हैं। लेकिन, इनकी छुट्टी नहीं हुई थी।
- इन मरीजों की डिस्चार्ज के पहले जांच क्यों नहीं? हम आईसीएमआर की गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं। उसके मुताबिक ऐसे मरीजों की दोबारा जांच की अनिवार्यता खत्म कर दी है।